जदयू के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि हम लोकसभा चुनाव में सभी 40 की 40 लोकसभा सीटें जीत कर 2024 का किला फतह करेंगे. बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश व छतीसगढ़ जैसे हर राज्य में अगर भाजपा की दो-दो चार सीटें भी घटेंगी, तो देश भाजपा मुक्त हो जायेगा.
खुले सत्र की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उम्मीद है कि अप्रैल तक जदयू राष्ट्रीय पार्टी घोषित हो जायेगी. 2018 के नगालैंड चुनाव में हमें 5.6 फीसदी वोट मिले और मात्र 0.4 फीसदी से चूक गये थे. फरवरी-मार्च 2023 में होने वाले चुनाव में हम जरूरी वोट जरूर हासिल कर लेंगे.
ललन सिंह ने कहा कि देश डिक्टेटरशिप की तरफ जा रहा है. केंद्र सरकार ने अघोषित रूप से सभी संस्थाओं को अपने कब्जे में कर लिया है. विरोध करने वाले तमाम विपक्षी नेताओं के घर सीबीआइ व इडी की रेड हो रही है. देश की मूल समस्या महंगाई व बेरोजगारी से ध्यान बंटाने के लिए धार्मिक उन्माद फैलाने की उनकी मंशा चलती रहती है. उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार में दृष्टि भी है और उसे क्रियान्वित कराने की क्षमता भी. उनके काम देश में नजीर बने हैं.
जदयू केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम सिस्टम को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इसके बहाने जजों की नियुक्ति पर केंद्र सरकार के नियंत्रण का फॉर्मूला भी गलत है. कॉलेजियम सिस्टम के विकल्प के रूप में कलेक्टर-एसपी की तरह जजों की नियुक्ति भी खुली प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से की जा सकती है. उन्होंने कहा कि लाल किले पर झंडा फहराने के लिए उस तक मुख्यमंत्री को पहुंचाने के लिए हर संभव सहयोग करने को तैयार हैं.
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि 2024 में अन्य मुद्दों की तरह जातीय जनगणना भी बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. यूपी में काशीराम के नारे- जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की मांग के साथ आगे बढ़ना होगा. अगर राज्य में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष होने पर हम जीतेंगे. अगर छह महीने के लिए नीतीश जी को दिल्ली भेज दिया जाये, तो केंद्र सरकार अपने आप समाप्त हो जायेगी. कश्मीर से बंगाल की खाड़ी तक एकमात्र नीतीश कुमार ही हैं, जिनको न इडी का डर है, न सीबीआइ का. उनको भ्रष्टाचार और परिवार वाद के लिए भी नहीं घेरा जा सकता.
पूर्व अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि अगर डॉ श्रीकृष्ण सिंह के बाद बिहार को किसी ने सजाया-संवारा तो वो नीतीश जी ही हैं. बिहार में ऐसे बहुत काम हुए, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकारा. वर्तमान केंद्र की सरकार लोगों के दिमाग में रोटी से अलग सवाल डाल रही है. मौजूदा वक्त में मजबूत होकर राजनीतिक चुनौती स्वीकार करना समय की मांग है.
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ऊर्जा व संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जब-जब देश पर बोली, चाल-चलन और नीयत पर खतरा होता है तब समाजवादियों पर ही लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी होती है.