पटना. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने बुधवार को अवैध बालू खनन के मामले में निलंबित दो अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की. इनमें औरंगाबाद जिले के बारुण के तत्कालीन सीओ बसंत कुमार राय व भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी कृपाशंकर साह शामिल हैं. डीए (आय से अधिक संपत्ति) मामले में बसंत कुमार राय के पैतृक निवास वैशाली जिले के लालगंज थाने के युसूफपुर गांव व पटना के पश्चिमी पटेल नगर के भट्टाचार्या रोड में मौजूद मकान और कृपाशंकर साह के पैतृक आवास बेगूसराय में पुलिस केंद्र के सामने मौजूद घर और पटना के रामकृष्णा नगर में मौजूद मकान की एक साथ तलाशी ली गयी. इस दौरान बसंत कुमार राय के ठिकानों से 21.87 लाख रुपये से ज्यादा के सोने-चांदी के गहने और प्लॉट समेत अन्य अचल संपत्तियों के कागजात भी बरामद हुए, जिनकी कीमत 60.62 लाख रुपये है.
बसंत कुमार राय की आय के स्रोतों से 119% से अधिक की संपत्ति का पता चला है. इनकी वैध आय 47.37 लाख रुपये आंकी गयी है, जबकि इनके पास 56.77 लाख रुपये की संपत्ति बरामद हुई है. पत्नी के नाम साढ़े चार डिसमिल जमीन पर चार मंजिला मकान बन रहा है. इस जमीन को उन्होंने दिसंबर, 2020 में 35.62 लाख रुपये में खरीदा था. बड़ी संख्या में बीमा समेत अन्य स्थानों पर निवेश से जुड़े कागजात भी मिले हैं. पटना के पटेल नगर के मकान में वसंत कुमार राय रहते हैं. यह मकान बड़े भाई के नाम से है, लेकिन इसमें हुए निवेश की भी जांच की जायेगी. इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि कहीं इनकी ब्लैकमनी तो इसमें नहीं लगी हुई है. वह 2014 में सीओ की नौकरी में आये थे. इस तरह आठ साल की नौकरी में ही उन्होंने इतनी संपत्ति बना ली.
भोजपुर के अजीमाबाद के तत्कालीन थानाध्यक्ष कृपाशंकर साह के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान जमीन-मकान व कई स्थानों पर निवेश से जुड़े कई कागजात मिले. पत्नी के नाम से मनेर थाना क्षेत्र में चार कट्ठा जमीन है, जिसे 10 लाख में खरीदा था. साथ ही उन्होंने रामकृष्णा नगर में 19 लाख में 15 धूर जमीन खरीद कर चार मंजिला मकान बनवाया है. इस घर की तलाशी के दौरान कई स्थानों पर निवेश जुड़े कागजात बरामद हुए हैं. जेवरात, कैश समेत 42 लाख रुपये से ज्यादा की अचल संपत्ति मिली है. जमीन समेत अन्य अचल संपत्तियों से जुड़ी 70.15 लाख के कागजात मिले हैं. कृपा शंकर 2009 बैच के दारोगा हैं. वह रोहतास, पटना और भोजपुर जिलों के कई थानों में रहे हैं. उन्होंने अपनी वास्तविक आय से करीब 55% अधिक की संपत्ति जमा कर ली है. इनके पास से बरामद सभी कागजात की जांच के बाद अवैध आय का दायरा बढ़ने की संभावना है.