बहनें साल भर बेसब्री से रक्षाबंधन के पर्व का इंतजार करती हैं, लेकिन शुक्रवार को भाई की कलाई पर राखी बांधने की एक बहन की आस टूट गयी. भाई को राखी बांधने दिल्ली से खगौल स्थित घर आयी बहन वैशाली सिन्हा का भाई के निधन के बाद रो-रोकर बुरा हाल है.
शनिवार को गाड़ीखाना स्थित घर से दीघा घाट पर विशाल का दाह संस्कार किया गया, जहां बहन वैशाली सिन्हा ने मुखाग्नि दी. उसने बताया कि राखी बांधने आयी थी, मुखाग्नि देना पड़ रहा है. मैं दोषी को सजा दिला कर रहूंगी. उसे नहीं छोडूंगी.
वैशाली ने बताया कि इकलौता भाई पत्रकार विशाल सिन्हा को राखी बांधने के लिए मैं दिल्ली से खगौल आयी, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था. वैशाली ने बताया कि मुझे भैया ने मेरी पसंद का बड़ा गिफ्ट खरीद कर रखा था, रक्षा बंधन के दिन देने के लिए. ये कह कर रोने लगी. रोते-रोते वह बोली कि भैया को वंदना सिंह ने इतना प्रताड़ित किया और आत्महत्या करने के लिए उकसाया कि उसके बहकावे में आकर भाई ने खुद को गोली मार ली. अब मैं किसे राखी बांधूंगी.
बहन ने बताया की पापा हार्ट के रोगी हैं, मां भी बीमार रहती है. दोनों के बुढ़ापा का सहारा भगवान ने छीन लिया. अब किसके सहारे हमारा परिवार चलेगा. उसने बताया कि मनोज सिंह उर्फ मनोज महतो की हत्या के बाद वंदना सिंह को मेरा भाई हर जगह उसके साथ साया की तरह रहता था, अपने परिवार को छोड़ उनका काम करता था.
वही अस्पताल से पत्रकार विशाल सिन्हा का शव जब गाड़ी खाना स्थिति घर पहुँचा तो पूरे मुहल्ला गमगीन हो गया. माँ ,बाप व बहन के साथ परिवार व आसपास के लोग की आँखें नम हो गई. माँ पिता शव से लिपटकर रोने लगे और भगवान को पुकारते हुए कहने लगे मैंने कौन सा गुनाह किया आज मेरा इकलौता पुत्र मुझे छोड़कर चला गया.
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भगवान गुनहगारी को नहीं छोड़ेगा. शव से लिपट कर मां दहाड़ मारकर रोने लगी पिता बार बार बोल रहे थे अब क्या होगा हमारा परिवार उजड़ गया. सारा सपना बिखर गया. माँ पिता रोते रोते बार बार अचेत हो जा रहे थे. परिवार व आसपास के लोगों उन्हें ढाँढ़स बंधवा रहे थे पानी डालकर होस में लाते थे.