बिहार में कैमूर और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) के जंगलों की सुरक्षा व्यवस्था अब बेहतर होगी. वहां पेड़ों और जानवरों की देख रेख के लिए बेहतर प्रबंध किये जायेंगे. इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 2022-23 में करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से तीन योजनाओं पर काम शुरू किया है. इसका मकसद वनों में जानवरों की संख्या बढ़ाना और वनों का बेहतर प्रबंधन करना है. इसका फायदा आने वाले समय में इन वनों में घूमने आने वाले पर्यटकों को भी मिल सकेगा.
सूत्रों के अनुसार नई योजनाओं के माध्यम से कैमूर और वीटीआर के जंगलों में फॉरेस्टर के लिए जगह-जगह वाच टावर, शेड़, कंटीले तार लगाने के साथ ही आधारभूत संरचनाओं का निर्माण भी किया जायेगा. जंगलों में गश्ती के लिए मोटरसाइकिल और सामानों को ढोने के लिए वाहन खरीदने की भी तैयारी की जा रही है. फॉरेस्टरों को रहने के लिए बैरक और क्वार्टर का भी निर्माण कराया जाएगा.
फिलहाल बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व वीटीआर है. यहां प्रत्येक साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. ऐसे में वन में आधारभूत संरचनाओं और सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था होने से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. इससे सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. वहीं कैमूर वन अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने संबंधी प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है और इसकी प्रक्रिया चल रही है. इसे टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिलते ही यहां भी पर्यटकों के पहुंचने की संख्या में बढ़ोतरी हो जायेगी.
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सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार जंगलों में आधारभूत संरचनाओं को बेहतर करने के लिए लागत राशि की व्यवस्था पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कॉरपस फंड से होती है. विभाग के पास करीब करीब 334 करोड़ रुपये कॉरपस फंड फिक्सड डिपॉजिट के रूप में जमा है. उसके सालाना ब्याज की राशि का इस्तेमाल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग करता है.