हाल में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित फिल्म जगत की अभिनेत्री कंगना रनौत के एक बयान ने नये विवाद को जन्म दे दिया. कंगना ने 1947 में मिली आजादी को भीख बता दिया जिसके बाद सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारे तक में बहस छिड़ गई. प्रभात खबर में डिबेट के दौरान कांग्रेस और राजद प्रवक्ताओं ने कंगना रनौत पर देशद्रोह का मुकदमा लगाने की मांग की.
अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल में ही एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में विवादित बयान दे दिया. अभिनेत्री ने कहा कि भारत को 1947 में मिली आजादी एक भीख थी. असली आजादी 2014 के बाद मिली है. यह बयान कमान से छूटे तीर की तरह बाहर निकला और देखते ही देखते इसपर राजनीति गरम होने लगी. बिहार में भी राजनीतिक दलों ने कंगना के इस बयान की निंदा की. प्रभात खबर ने इस मुद्दे पर डिबेट प्रोग्राम किया जिसमें कांग्रेस व राजद के प्रवक्ताओं ने अभिनेत्री पर कार्रवाई की मांग की. जबकि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता ने कंगना रनौत के बयान को गंभीरता से नहीं लेने की बात कही.
प्रभात खबर के डिबेट कार्यक्रम में अपना पक्ष रखते हुए कांग्रस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कंगना रनौत के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. ज्ञान रंजन ने कहा कि भाजपा सरकार ने कंगना रनौत को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है और यह बयान देश की आजादी के लिए शहादत देने वालों का अपमान है. पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता मनीष आनंद ने बचाव करते हुए कहा कि कन्हैया कुमार की आजादी वाले स्लोगन का समर्थन करने वाले आज शहीदों के अपमान की बात करते हैं. जिसपर कांग्रेस प्रवक्ता ने भी पलटवार किया.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कन्हैया कुमार के नारों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया था. उसके बाद भी कन्हैया कुमार के उपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया था. तो आज कंगना रनौत के ऊपर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. वहीं राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भी देशद्रोह के केस की मांग की. बता दें कि कंगना रनौत के उपर केस भी दर्ज किये गये हैं. वहीं बिहार में जदयू और हम पार्टी ने भी कंगना पर हमला बोला है.
Published By: Thakur Shaktilochan