जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बिहार कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. अब से कुछ देर बाद राहुल गांधी कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस में जेएनयू के छात्र संघ को शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है. इसस पहले भी तीन छात्र संघ अध्यक्ष कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं.
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष शकील अहमद खान वर्तमान में कांग्रेस के सचिव हैं. वे कटिहार के कदवा सीट से विधायक भी हैं. शकील अहमद खान जेएनयू से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की है. खान 1992 में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. हालांकि कांग्रेस में अब तक उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं मिला है.
टीम प्रियंका का हिस्सा हैं संदीप और मोहित- शकील अहमद खान के अलावा संदीप सिंह और मोहित पांडेय भी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं. जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंह वर्तमान में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के राजनीतिक सचिव हैं. संदीप सिंह जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. संदीप सबसे पहले तब सुर्खियों में आया था, जब कैंपस के बाहर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को काला झंडा उन्होंने दिखाया था.
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इसी तरह कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के बाद जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट बने मोहित पांडेय भी 2019 में कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं. पांडेय को यूपी कांग्रेस के सोशल मीडिया का चैयरमेन बनाया गया. बता दें कि ये दोनोें नेता यूपी से ही आते हैं और अपनी जमीन तलाशने में जुटे हैं.
बिहार कांग्रेस में कन्हैया हो पाएंगे एडजस्ट?– इधर, कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. बिहार में कांग्रेस पार्टी राजद और माले के साथ गठबंधन में है. 2019 के चुनाव में कन्हैया कुमार का तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ अनबन की खबरें खूब वायरल हुई थी.
उस वक्त राजद (RJD) ने कन्हैया कुमार के खिलाफ कैंडिडेट खड़ा कर दिया था. बताया जा रहा है कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद क्या कन्हैया कुमार के साथ सबसे बड़ी समस्या तेजस्वी यादव के साथ तालमेल बैठाने की होगी. साथ बिहार कांग्रेस के अंदरुनी लड़ाई से भी निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा.