पटना. 30 फीट चौड़ा बाइपास नाला मेट्रो निर्माण के क्रम में गिरायी गयी मिट्टी और निर्माण सामग्री से की वजह से कई जगह पर महज तीन फीट का रह गया है. बादशाही पईन में बाइपास नाले से ही पानी जाता है. लेकिन, पानी छोड़ने वाले चार आउटलेट में महज एक ही काम कर रहा है. बुधवार को मेयर सीता साहू जब नालों की सफाई का निरीक्षण करने निकलीं, तो ऐसी स्थिति देख कर नाराज हो गयीं.
मेयर ने सबसे पहले पहाड़ी संप का निरीक्षण किया. उनके साथ डिप्टी मेयर रेशमी चन्द्रवंशी, सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डॉ आशीष सिन्हा और इन्द्रदीप चन्द्रवंशी भी थे. पहाड़ी संप पर स्थित ग्रेटिंग एवं कुआं की सफाई अब तक नहीं की गयी है. वहां एक डीजल के साथ 10 इलेक्ट्रीक पंप हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए बिजली का कनेक्शन नहीं लिया गया है.
नंद लाल छपरा स्थित निगम के नाला को देखने के बाद महापौर ने कहा कि बाईपास नाला के क्षतिग्रस्त होने के कारण कंकड़बाग के इलाकों में जलजमाव होने की प्रबल आशंका है. इसके बाद मेयर योगीपुर संप देखने भी गयीं. यहां कुआं की सफाई बुडको द्वारा नहीं करायी गयी. उन्होंने बताया कि पहाड़ी और योगीपुर के संप का मेन्टेनेंस भी अब तक नहीं हुआ है. महापौर ने रामाचक बैरिया स्थित कूड़ा डंपिंग यार्ड में पाया कि लेगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा है. वहां लगे कंपोस्ट पिट एवं ट्रामेल पूर्णत: बंद था तथा उसकी स्थिति अत्यंत जर्जर थी. वहां कूड़ा के साथ मरे हुए जानवर भी पाये गये.
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उसके बाद मेयर कंकड़बाग अंचल के वार्ड संख्या–31 एवं 32 में चल रहे नाला उड़ाही के कार्य को देखने पहुंची. वार्ड संख्या–31 के सफाई निरीक्षक ने रिपोर्ट भेजी थी कि छह प्राइवेट मजदूर नाला उड़ाही में लगे हैं, जबकि एक भी प्राईवेट मजदूर उड़ाही करते नहीं दिखा. उसी तरह वार्ड संख्या–32 के सफाई निरीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार 18 प्राईवेट मजदूर को नाला उड़ाही में लगे थे, जबकि वहां सिर्फ 11 प्राईवेट मजदूर ही पाये गये. महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर अविलंब नाला उड़ाही में अनियमितता बरतने वाले पर कार्रवाई करने को कहा है.