Kisan Andolan: बिहार (Bihar) में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र और बिहार की नीतीश सरकार (Nitish kumar) पर हमला बोला. उन्होंने देश में जारी किसान आंदोलन (Farmers protest) का समर्थन करते हुए कहा कि यह नया कृषि बिल (farmers Bill) एक काला कानून (Kala kanoon) है. इसके साथ ही उन्होंने बिहार के किसानों से आग्रह किया कि वो भी आंदोलन करें. तेजस्वी यादव ने कहा कि कृषि बिल के विरोध में 25 सितंबर को हमलोग सड़क पर उतरे थे. मैंने खुद ट्रैक्टर चलाया था.बताया कि शनिवार को कृषि बिल के खिलाफ राजद (RJD) पार्टी पटना के गांधी मैदान में 10 बजे से धरने पर बैठेगी.
कहा कि फिलहाल के दिनों में मौजूदा सरकार एयर इंडिया, रेलवे, भारत पेट्रोलियम, बीएसएलएल और एलआईसी को प्राइवेट हाथों में बेच रही है. कृषि बिल के नाम पर किसानों को केंद्र सरकार ठग रही है. उन्होंने कहा कि किसान अपने ही लोग हैं लेकिन उनके आंदोलन को विफल करने की साजिश रची जा रही है. तेजस्वी ने कहा कि मैं बिहार के किसान और संगठनों से अपील करता हूं कि इस काले कानून के खिलाफ आपलोग सड़कों पर आए और इस आंदोलन को मजबूत करें.
किसानों के मुद्दों पर प्रेस वार्ता #FarmersIssue https://t.co/Z3gxHCGsTY
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 4, 2020
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों में आक्रोश हैं. यह वही सरकार हैं जो किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करनी की बात करती है, लेकिन एमएसपी को खत्म कर दिया है. कृषि को भी प्राइवेट हाथ को सौंप रही है. जिससे प्राइवेट कंपनियों से किसान खरीद बिक्री करेंगे. लेकिन सरकार के सारे फैसले को हमलोगों ने देखा है चाहे नोटबंदी हो गया कुछ हो.
कहा कि इतनी बड़ी समस्या सामने है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौन हैं. कोई भी फैसला जनता का होना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति का. अगर कृषि कानून के इतने ही फायदे हैं तो देश भर में किसान इसके खिलाफ क्यों है, भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने किनारा क्यों किया. खेल जगत से लेकर सिने जगत के लोग किसान के समर्थन में आगे आएं हैं.
उऩ्होंने कहा कि बिहार के किसान बड़ी संख्या में पलायन करते हैं , इसका कारण क्या है. कृषि बिल बनाने से पहले किसानों से बात होनी चाहिए थी. उन्होंने सीएम नीतीश से पूछा कि कृषि रोड मैप तो बना रहे हैं लेकिन धान के एमएसपी पर बात क्यों नहीं करते. उन्होंने कहा कि खेती किसानी से जुड़े आंकड़ें जारी क्यों नहीं करते.
Posted by: Utpal kant