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ललन सिंह का भाजपा पर हमला, कहा जदयू का अस्तित्व समाप्त करने वालों का खत्म हो जाएगा राजनीतिक अस्तित्व

ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह कुछ दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष रह लिये और नीतीश कुमार ने उनको जदयू का राष्ट्रीय महासचिव संगठन बना दिया, तो वे जदयू काे कैसे समझ गये? यह कोई फाइल नहीं है कि चार पन्ना पढ़ कर उसे समझ जायेंगे.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि जदयू का अस्तित्व समाप्त करने वाले का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. उनको यह जानकारी नहीं है कि जदयू कब,कैसे और किन कारणों से बना. वे नीतीश कुमार के स्टाफ थे, नौकरी कर रहे थे, उन्होंने राजनीतिक इच्छा व्यक्त की तो नीतीश कुमार ने उन्हें दो बार राज्यसभा सांसद, जदयू संगठन का महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया.

जदयू का अस्तित्व गांव-गांव तक

ललन सिंह ने यह बातें गुरुवार को नयी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में कहीं. ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह कुछ दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष रह लिये और नीतीश कुमार ने उनको जदयू का राष्ट्रीय महासचिव संगठन बना दिया, तो वे जदयू काे कैसे समझ गये? यह कोई फाइल नहीं है कि चार पन्ना पढ़ कर उसे समझ जायेंगे. जदयू का अस्तित्व गांव-गांव तक है. उसका जड़ बहुत मजबूत है. सैकड़ों आरसीपी सिंह जदयू के अस्तित्व को समाप्त नहीं कर सकते.

विधानसभा चुनाव में ही आरसीपी सिंह का मन मैला हो गया था

ललन सिंह ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में ही आरसीपी सिंह का मन मैला हो गया था, यह हमें पता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए आरसीपी सिंह ने जदयू को 43 सीट पर पहुंचाने में भाजपा के साथ मिल कर षड्यंत्र किया. नीतीश कुमार के साथ विश्वासघात किया, उनके पीठ में छुरा भोंकने का काम किया.

आरसीपी सिंह को भाजपा में जाना तय था

ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह को भाजपा में जाना था, यह पता था. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए भाजपा के एजेंट के रूप में पार्टी में काम कर रहे थे और नीतीश कुमार को कमजोर कर रहे थे. उन्हें नीतीश कुमार ने पहचान लिया और उनका राज्यसभा का टिकट काट दिया. हमलोग उनके कामकाज के बारे में पहले से जान रहे थे.

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2019 के स्टैंड पर नहीं रहे कायम

ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के प्रकरण पर कहा कि नीतीश कुमार ने 2019 में स्टैंड लिया था कि केंद्र में जदयू को सांकेतिक नहीं समानुपातिक भागीदारी चाहिए. 2021 में जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन किया और पूछा. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछ लीजिए. उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह थे. ऐसे में आरसीपी सिंह का कर्तव्य था कि 2019 के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड पर कायम रहते. अब आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कह रहे हैं कि केंद्र में उन्हें मंत्री बनाये जाने ने के बारे में नीतीश कुमार झूठ बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने उनको इतना सम्मान और इज्जत दिया और आज आरसीपी सिंह उनके बारे में ही ऐसा कह रहे हैं.

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