राजेश कुमार ओझा
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) के मंत्रिमंडल गठन को लेकर माथापच्ची शुरु हो गई है. सबसे ज्यादा आरजेडी और कांग्रेस में माथापच्ची है. दरअसल, इन दोनों दलों में मंत्री पद के सबसे ज्यादा दावेदार हैं. आरजेडी में मंत्री पद को लेकर मचे कोहराम को देखते हुए लालू प्रसाद यादव 15 अगस्त को पटना आ सकते हैं. कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद पटना में मंत्री के दावेदार नेताओं से मुलाकात करने के बाद इसपर अपनी अन्तिम मुहर लगायेंगे.
दरअसल, बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार बनने के बाद से मंत्री पद को लेकर बवाल मच गया है. महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. यही कारण है कि आरजेडी में मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा कोहराम मचा है. आरजेडी नेता दिल्ली से लेकर पटना तक अपने पक्ष में गोलबंदी करने में लगे हैं. इसको देखते हुए तेजस्वी ने इस पूरे प्रकरण में लालू प्रसाद को हस्तक्षेप करने को कहा था. कहा जा रहा है कि इसको देखते हुए लालू प्रसाद इस मामले का निपटारा करने के लिए 15 अगस्त को पटना आ सकते हैं.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटा से 16 मंत्री रहेंगे. इसमें 10 नाम आलोक मेहता, अनिता देवी, बागी कुमार वर्मा,शाहनवाज, भाई वीरेंद्र, सर्वजीत, तेजप्रताप यादव, ललीत यादव, भूरेव चौधरी और अनिल सहनी के नाम पर फिलहाल आम सहमति बन गई है. लेकिन, वीणा देवी, प्रभाकर सिंह, सौरभ कुमार, राहुल तिवारी, बच्चा पांडेय और डॉ शम्मी के नाम पर अभी पेंच फंसा है. कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद इन सभी से अपने पटना प्रवास के दौरान मिलेंगे. कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद ही तय करेंगे कि इनमें से कौन मंत्री बनेंगे और कौन नहीं.
तेजस्वी यादव सरकार में भूमिहारों को भी मंत्री बनाना चाह रहे हैं. लेकिन, विधान सभा भूमिहार कोटा से पार्टी के पास कोई विधायक नहीं है. इसको देखते हुए आरजेडी विधान परिषद से अपने तीन पार्षद कार्तिक कुमार, सौरभ और अजय में से किसी को मौका दे सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि जदयू सांसद ललन सिंह चाहते हैं कि सौरभ आरजेडी कोटे से मंत्री बने. इस लिए इनकी संभावना ज्यादा दिख रही है.