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बिहार में क्यों गिरती है आकाशीय बिजली, जानें वज्रपात से कैसे करें खुद का बचाव

बिहार में वज्रपात से हर साल कई लोगों की मृत्यु होती है. 2021-22 के रिपोर्ट के अनुसार वज्रपात के मामले में बिहार दसवें स्थान पर रहा. जाने क्यों और कहां होता है वज्रपात और उससे बचने के क्या है उपाय.

मॉनसून के मौसम में आंधी-बारिश और वज्रपात से कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं. इस कुदरती कहर से बिहार में हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. इस वजह से मन में यह सवाल उठता है की आखिर वज्रपात क्यों होता है. क्यों वज्रपात की वजह से इतने लोगों की जान चली जाती है. जानें इस रिपोर्ट में..

क्या होता है वज्रपात

आकाश में मौजूद बादलों के घर्षण से एक बिजली उत्पन्न होती है जिससे नेगटिव चार्ज उत्पन्न होता है. वहीं पृथ्वी में पहले से पॉजिटिव चार्ज मौजूद होता है. ऐसे में धरती और आकाश के दोनों नेगटिव एवं पॉजिटिव चार्ज एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते हैं. जब इन दोनों चार्जों के बीच में कोई कंडक्टर आता है तो इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. लेकिन आसमान में कोई कंडक्टर नहीं होता है तो यही इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज ठनका के रूप में धरती पर गिरती है.

कहां होता है वज्रपात

आमतौर पर वज्रपात होने की सबसे अधिक संभावना ऊंचे इलाके जैसे पहाड़ या कोई ऊंचा पेड़ में होती है. इसके साथ ही उन इलाकों में भी वज्रपात की संभावना होती है जहां पानी अधिकांश मात्रा में उपलब्ध हो. पानी बिजली के लिए एक कंडक्टर के रूप में काम करती है इसलिए पानी के स्त्रोत के आस पास वज्रपात होने का खतरा अधिक होता है.

वज्रपात का शरीर पर असर

वज्रपात का असर इंसान के शरीर पर बहुत अधिक होता है. बिजली के चपेट में आने से शरीर पर डीप बर्न हो जाता है जिससे टिशूज को नुकसान होता है. और साथ ही इसका असर इंसान के नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है. जिससे दिल का दौड़ा पड़ता है. वज्रपात के असर से शरीर में अपंगता का भी खतरा होता है.

वज्रपात से बचने के उपाय

  • वज्रपात से बचाव के लिए किसी ऊंचे क्षेत्र में न जाएं क्योंकि बिजली गिरने का सबसे अधिक खतरा वहीं होता है.

  • अगर किसी खुले स्थान में हो तो वहां से किसी पक्के मकान में तुरंत चले जाएं और खिड़की एवं दरवाजों से दूर रहें

  • घर में पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि बिजली के उपकरणों से दूर रहें और उन्हें बंद कर दें

  • बिजली के पोल और टेलिविज़न या मोबाईल टावर से दूर रहें

  • बिजली की चमक या बादलों के गरजने की आवाज सुनकर किसी पेड़ के नीचे नहीं जाएं

  • एक जगह पर समूह में खड़े न हों, कम से कम 15 फीट दूरी बनाए

आकड़ों में वज्रपात

पिछले हफ्ते जारी की गई वार्षिक वज्रपात रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार बिहार बिजली गिरने के मामले में दसवें स्थान पर है. इस दौरान बिहार में वज्रपात की 2,59,266 घटनाएं दर्ज हुई जो की 2020-21 की तुलना में 23 फीसदी कम है. इससे पहले वर्ष 2018 में पूरे देश में वज्रपात से 3000 लोगों की मृत्यु हुई थी जिसमे से 302 लोग बिहार के थे. वहीं 2019 में वज्रपात से मरने वालों की संख्या 221 रही.

सरकार देती है अनुदान 

बिहार में वज्रपात या किसी भी प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने पर मरने वाले लोगों के आश्रितों को सरकार की तरफ से अनुग्रह अनुदान राशि के रूप में चार लाख रुपये का भुगतान किया जाता है.

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