राजेश कुमार ओझा
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी अपना सियासी दोस्तों का कुनबा बढ़ाने में लगी है. इधर,महागठबंधन में पीएम पद को लेकर सियासी संग्राम चल रहा है.हालांकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) महागठबंधन के बंधन को बचाने की अपनी कोशिश में लगे हैं. यही कारण था कि उन्होंने मंच से कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद के सामने कहा कि- कांग्रेस नेतृत्व को मनाइए कि विपक्षी एकता के सवाल पर जल्दी पहल करें. हम सभी कांग्रेस की ओर टकटकी लगा कर देख रहे हैं. सीपीआई (एमएल) की ओर से पटना में आयोजित कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने ये बाते कही. सीएम नीतीश कुमार के इस अपील के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई है. राजनीतिक पंडित नीतीश कुमार के इस अपील की अपनी अपनी तरह से व्याख्या कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की जो भी कोशिशें हो रही है उसके कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं. इससे साफ है कि विपक्षी एकता में अभी भी कई पेंच फंसे हैं.
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कांग्रेस से नीतीश की अपील पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं है. नीतीश कुमार के अपने आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने ही उनका साथ छोड़ दिया है. सीएम पद को लेकर महागठबंधन में बवाल मचा है. नीतीश कुमार को कांग्रेस भी अब भाव नहीं दे रही है. वो कांग्रेस से चाहे जितनी चिरौरी कर ले कांग्रेस नीतीश कुमार को आई लव यू नहीं कहने वाली है. बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे कहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजूटता सिर्फ अखबारों में दिखता है, जमीन पर कहीं नहीं है. मंगल पांडे आगे कहते हैं कि कांग्रेस की कोशिश है कि वह अपने मन मुताबिक पार्टियों के साथ गठबंधन करें. क्योंकि कई राज्यों में विपक्षी पार्टियों में एकमत नहीं है. यह अलग बात है कि बिहार के महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार समेत तमाम बीजेपी विरोधी दलों के नेता कांग्रेस की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. लेकिन कांग्रेस इन दलों को ज्यादा तरजीह देने के मूड में नहीं है.
सीनियर पत्रकार लव कुमार मिश्रा ने नीतीश कुमार के बयान की समीक्षा करते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा है उसमें तीन बातों पर गौर करना जरूरी है. नीतीश कुमार ने राहुल और सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को मनाइए. विपक्षी एकता के सवाल पर जल्दी पहल करें. पूरा विपक्ष कांग्रेस की ओर टकटकी लगा कर देख रहा है. नीतीश कुमार के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस अभी लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने के पक्ष में नहीं है. क्योंकि कांग्रेस मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश , राजस्थान, उत्तराखंड में बीजेपी को टक्कर दे रही है. इन राज्यों में कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने है. इसी तरह तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों में कांग्रेस बीजेपी से मजबूत स्थिति में है. फिर वो इन राज्यों में किसी से गठबंधन क्यों करेगी ?
सीएम नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुटता के लिए निरंतर कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, नीतीश कुमार जिस मिशन में लगे हैं उसमें कई कांटे हैं. तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने खम्मम में अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर लांच करने के अवसर पर समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के अलावा केरल, पंजाब और दिल्ली के सीएम को एक मंच पर लाकर विपक्षी एकता की कोशिश की. लेकिन, इसमें कांग्रेस को नहीं बुलाया गया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस रहित विपक्षी एकजुटता से भी बीजेपी को परास्त किया जा सकता है. क्योंकि ममता जानती है कि पश्चिम बंगाल में किसी तरह के ग्रैंड अलायंस का कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है. कांग्रेस, जदयू समेत तमाम विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनाव एकसाथ मिलकर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन विपक्ष से पीएम पद का चेहरा कौन होगा ? इसपर अभी भी संशय बना हुआ है.
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि विपक्षी एकता में सबसे बड़ी बाधा ‘आई लव यू’ है. दरअसल, भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन में नीतीश कुमार की अपील पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में जो काम किया है उस मॉडल की हर जगह पर चर्चा होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम भी वही चाहते हैं जो आप चाहते हैं, मामला बस इतना है कि पहले ‘आई लव यू’ कौन बोलेगा. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्ष के साझा प्रधानमंत्री उम्मीदवार से साफ इनकार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कांग्रेस का ही होगा. हालांकि नीतीश कुमार ने पटना में साफ कहा था कि मैं पीएम पद का उम्मीदवार नहीं हूं. लेकिन, नीतीश कुमार विपक्ष में कोई अकेले पीएम पद का उम्मीदवार नहीं हैं. ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम केसीआर, सपा नेता अखिलेश यादव समेत कई और विपक्ष में ऐसे चेहरे हैं जो कि पीएम बनना चाह रहे हैं.