बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी गुरुवार को अपने इस्तीफा की पेशकश करके एक नये विवाद को सामने ला दिया है्. नीतीश कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्रालय की बागडोर थामने वाले जदयू नेता मदन सहनी ने अधिकारियों के उपर इलजाम लगाया है कि वो मंत्रियों की नहीं सुनते हैं. प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी. वहीं मदन सहनी के लगाए आरोपों को अब जीतनराम मांझी ने भी सही ठहराया है.
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी गुरूवार को दिल्ली से पटना लौटे. इस दौरान मीडिया ने उनसे कुछ सवालात किये. जिसमें बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी द्वारा लगाया गया आरोप भी शामिल था. मीडिया ने मदन सहनी के उन आरोपों पर जीतनराम मांझी का पक्ष जाना जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया है कि बिहार में मंत्रियों की बात अधिकारी नहीं सुनते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जीतन राम मांझी मदन सहनी के समर्थन में खुलकर उतर गए और इस आरोप को सही ठहराया है कि बिहार में कोई भी अधिकारी मंत्रियों की बात नही सुनता है. मांझी ने कहा कि इस बात को मैने एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में भी उठाया है. क्योंकि किसी विधायक या मंत्री को अधिकारी कोई तरजीह नहीं देते हैं.
गौरतलब है कि बिहार की सियासत में गरमाहट उस समय आयी जब सरकार के मंत्री ने अधिकारियों की मनमानी का आरोप लेकर इस्तीफे की पेशकश कर दी. मदन सहनी विभाग के प्रधान सचिव अतुल कुमार पर नाराज हैं और आरोप लगाया है कि कामकाज में शून्य रहने पर भी वो चार साल से जमे हुए हैं. बता दें कि जून-जुलाइ में प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर रहता है. मंत्री का आरोप है कि जो ट्रांसफर-पोस्टिंग मंत्री को करना चाहिए. वो भी अधिकारी के द्वारा ही होता है.
Posted By: Thakur Shaktilochan