पटना. रामजानकी मार्ग में मेहरौना घाट से गोपालगंज-सिवान तक करीब 40 किमी लंबाई में पेव्ड सोल्डर के साथ सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर फोरलेन करने का काम मार्च 2025 तक करने की समय सीमा है. इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1661.25 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दे दी है. इस सड़क का निर्माण उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा के पास एनएच-227ए पर मेहरौना घाट से एनएच-85 पर गोपालगंज-सीवान तक होगा. रामजानकी मार्ग की पूरी लंबाई करीब 240 किमी है. इसमें से सीवान से मशरख तक करीब 50 किमी लंबाई, मशरख से चकिया तक करीब 48 किमी और चकिया से भिट्ठामोड़ तक करीब 103 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क बनेगी.
राम-जानकी मार्ग का निर्माण फोरलेन में हो जाने से श्रद्धालुओं को भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या से सीता माता की जन्म स्थली तक जाने के लिए एक अलग मार्ग उपलब्ध हो जायेगा. इसके साथ ही आम नागरिकों को भी आवागमन में सहूलियत होगी.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भरगामा से सुकेला मोड़ तक सड़क को रानीगंज बाइपास से कनेक्टिविटी देने की योजना को वित्तीय मंजूरी दे दी है. इसके तहत अररिया-गलगलिया एनएच-327ई में भरगामा से सुकेला मोड़ तक सड़क निर्माण और इसकी कनेक्टिविटी रानीगंज बाइपास से करने के लिए 98.81 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी गई है.
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इसके साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाजीपुर-मुसरीघरारी एनएच-103 पर जनदाहा बाइपास को पेव्ड सोल्डर के साथ करीब पांच किमी लंबाई में दो लेन बनाने के लिए 47.43 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस बाइपास के बनने से पटना से हाजीपुर होते हुए दरभंगा तक की यात्रा बेहतर तरीके से हो सकेगी. साथ ही जनदाहा शहर विकसित हो सकेगा. दरभंगा हवाई अड्डा की शुरुआत के बाद इसका महत्व बढ़ गया है. इस सड़क पर जनदाहा में तीखा मोड़ है, लेकिन बसावट से सड़क चौड़ीकरण करना संभव नहीं है. इसको देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जनदाहा बाइपास बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था.