कोरोना की दूसरी लहर शांत हो गयी है लेकिन तीसरे लहर की शंका अभी बरकरार है. वहीं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बच्चों के रहस्यमयी बुखार की चपेट में पड़ने के बाद अब बिहार के सीमावर्ती जिलों और पटना में भी वायरल फीवर का कहर है.
यूपी की सीमा से सटे जिलों और राजधानी पटना में बच्चों के वायरल बुखार से पीड़ित होने के कई मामले सामने आ रहे हैं. इस दौरान बेहद सतर्क रहने की जरुरत है. वायरल बुखार के लक्षण को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. हाल में ही वायरल के भ्रम में रहने से एक बच्चे की जान तक जा चुकी है. जांच के बाद यह पता चल पाता है कि बच्चा कोरोना संक्रमण की चपेट में था और अब पोस्ट कोविड परेशानी से संकट में घिरा हुआ है.
पटना में एमआइएस-सी (मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रेन) जैसी खतरनाक समस्या की चपेट में बच्चे पड़ रहे हैं. दैनिक जागरण अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पटना एम्स में इस सिंड्रोम की चपेट में आए चार बच्चे भर्ती हैं. छपरा की चार वर्षीय बच्ची वेंटिलेटर पर है. पिछले दो महीने में कुल 16 बच्चे इस सिंड्रोम की चपेट में पड़कर यहां भर्ती हो चुके हैं जिसमें चार की मौत भी हो चुकी है.
Also Read: बिहार: थाना के मोटर में दौड़ रहा था हाईवोल्टेज करंट, स्विच ऑन करते ही चपेट में आए दारोगा, मौत
डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चों को बुखार या अन्य लक्षण के साथ बीमार पड़ते ही चिकित्सक के पास लेकर जाना चाहिए. बिना विलंब किये कोरोना का आरटीपीसीआर टेस्ट और एमआइएस-सी के लिए एंटीाबॅडी टेस्ट कराना चाहिए. ताकि बीमारी के बारे में कोइ गलतफहमी नहीं रहे.
बता दें कि हाल में ही वायरल के भ्रम में कोरोना ने एक बच्ची की जान ले ली. वहीं दूसरे बच्चे को एम्स में भर्ती कराया गया. पाटलिपुत्र थाना इलाके की बच्ची कुछ दिनों से सर्दी-खांसी व बुखार से ग्रसित थी. परिजन वायरल समझते रहे. हालत गंभीर होने पर एम्स में भर्ती कराया गया लेकिन मौत हो गयी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan