पटना. विधानमंडल का माॅनसून सत्र हंगामे और शोर-शराबे व बायकॉट के बीच गुरुवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हो गया. विधानसभा और विधान परिषद में इस दौरान विधायी कार्य हुए, लेकिन सदन से विपक्षी सदस्य बाहर रहे. विधान परिषद में अंतिम दिन पूर्व सीएम और विपक्ष की नेता राबड़ी देवी वेल में आकर बैठ गयीं. वहीं, विधानसभा में पूरे सत्र विपक्ष के सदस्यों ने कामकाज में हिस्सा नहीं लिया.
गुरुवार को विधानसभा में उपस्थित विपक्षी सदस्यों ने आसन के पुकारे जाने के बाद भी अपना प्रश्न नहीं पूछा. प्रश्न पूछने के बजाय नारेबाजी में शामिल रहे. आसन की ओर से उनके नाम को पुकारा गया, पर प्रश्नकर्ता सदस्यों ने हाथ हिला कर बताया कि वह हंगामे में प्रश्न नहीं पूछेंगे. विधानसभा में आसन पर उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी विराजमान थे.
सदन की कार्यवाही आरंभ करते हुए उन्होंने अल्पसूचित प्रश्न पूछने के लिए मधेपुरा के विधायक चंद्रशेखर, दरभंगा ग्रामीण के विधायक ललित कुमार यादव, सोनपुर के विधायक डाॅ रामानुज प्रसाद व मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र का नाम लेकर पुकारते रहे. सदन में उपस्थित इन सदस्यों ने आसन को हाथ हिला कर ना में जवाब दिया कि वह प्रश्न नहीं पूछ सकते. दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ने अपना अल्पसूचित प्रश्न पूछा, जिसका जवाब राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने दिया. हंगामे के कारण सरकार का जवाब नहीं सुना गया.
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माॅनसून सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को विधान परिषद में सदन की कार्यवाही मात्र 20 मिनट तक ही चली. सदन की कार्यवाही 12 बज कर छह मिनट पर शुरू हुई. उसी वक्त राजद के सुनील कुमार सिंह ने कहा दो दिन पूर्व जो कार्यस्थगन दिया गया था, उस पर चर्चा हो. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले युवाओं को पीटा जा रहा है. पुलिस फर्जी मुकदमा दर्ज कर रही है.
मधुबनी में भी गुरुवार की सुबह पुलिस ने युवाओं को बहुत पीटा है. इस पर कार्यकारी सभापति ने कहा कि यहां चर्चा होने से क्या होगा. सदन को चलने दीजिए , लेकिन हंगामा नहीं थमा. इस पर सभापति ने कहा कि जिन्होंने रेल की संपत्ति जलायी, उन्हें क्या माला पहनाया जायेगा. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित राजद के सदस्य वेल में आकर बैठ गये और अग्निपथ योजना को वापस लेने व गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने की मांग करने लगे.