मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 2021-22 में अब तक 25 हजार लड़कियों को योजना का लाभ दिया गया है. वहीं, 12 हजार लड़कियों का आवेदन स्वीकृत किया गया है, जिन्हें सितंबर तक ऑनलाइन माध्यम से राशि भेज दी जायेगी. साथ ही, बीपीएल परिवारों को इस योजना से ज्यादा- से- ज्यादा जोड़ने के लिए जिलों को दिशा- निर्देश समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजा गया है.
वहीं, विभाग ने योजना का आवेदन करने वाले परिवारों से कहा है कि इस योजना का लाभ मिलने में देर हो या किसी भी तरह की परेशानी हो, तो अपने जिले के डीएम से या सीधे विभागीय अधिकारियों से अपनी बात कहें. विभाग के मुताबिक योजना में 2020-21 में 67 करोड़ रुपये के बजट के विरुद्ध 27.24 करोड़ खर्च किया गया था. वहीं, 2021-22 में इस योजना में 67 करोड़ रुपये का बजट है.
योजना की शुरुआती दिनों में फर्जी आवेदनों की संख्या बढ़ गयी थी. समीक्षा के बाद इस योजना का लाभ डीबीटी के माध्यम से 2019-20 से देना शुरू किया, जिसके बाद से योजना का लाभ लेने वालों की संख्या काफी कम हो गयी है. ब्लॉक में आवेदन के बाद वहां से कई प्रकार की शिकायतें आने लगी थीं. इसके बाद पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया.
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बिहार सरकार ने पिछड़ी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की लड़कियों के लिए कन्या विवाह योजना शुरू की थी, ताकि इस योजना का लाभ वैसे परिवार की लड़कियों को मिल सके जिनकी आय कुछ भी नहीं है . ऐसे में लड़कियों की शादी कम उम्र में कर देते हैं. इन परिवारों को योजना से जोड़ने, दहेज प्रथा व कम उम्र में होने वाली शादी को रोकने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है.
योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर फॉर्म भर सकते हैं. इसके बाद लड़कियों की शादी के समय राज्य सरकार एकमुश्त पांच हजार की राशि देती है. इस योजना की पूरी राशि लड़की के खाते में सीधे जाती है.
योजना का लाभ लेने वाले यहां के स्थायी निवासी होंगे.
योजना के तहत लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष होना अनिवार्य है.
एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें यह लिखना होगा कि दहेज नहीं दिया जायेगा.
कन्या विवाह योजना का लाभ सभी बीपीएल परिवारों को दिया जाता है. इस योजना का लाभ सभी परिवार को मिले, इसको लेकर जिलों को निर्देश दिया गया है अभी जिलों में एक भी आवेदन लंबित नहीं है.
राजकुमार, निदेशक, समाज कल्याण विभाग
POSTED BY: Thakur Shaktilochan