पटना. राजधानी पटना की आबोहवा दुरुस्त करने के लिए नगर निगम अगले वित्तीय साल 2022-23 में 213 करोड़ खर्च करेगा. वहीं, स्ट्रीट लाइट, नाली-गली व जीर्ण-शीर्ण योजना, वेंडिंग जोन निर्माण सहित अन्य आधारभूत संरचना पर 486 करोड़, ठोस कचरा प्रबंधन पर 214 करोड़ खर्च होंगे. शुक्रवार को मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में सशक्त स्थायी समिति की सातवीं विशेष बैठक में अगले वित्तीय साल 2022-23 के लिए 1740 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ.
अब इस बजट को नगर निगम की 30 मार्च को होने वाली निगम बोर्ड की बैठक में अंतिम मुहर लगने के बाद सरकार के पास भेजा जायेगा. इस साल का बजट पिछले बजट 2021-22 की अपेक्षा लगभग 200 करोड़ अधिक है. पिछला बजट 1528 करोड़ का था. बैठक में उप महापौर रजनी देवी, समिति के सदस्यों में इंद्रदीप चंद्रवंशी, आशीष कुमार सिन्हा, श्वेता राय, स्मिता रानी, दीपा रानी खान, कावेरी सिंह व मनोज कुमार, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, उप नगर आयुक्त राकेश कुमार झा व अभिषेक आनंद, मुख्य अभियंता रविंद्र प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
निगम अगले वित्तीय साल में विभिन्न मदों में कुल 1740 करोड़ खर्च करेगा, जबकि निगम को विभिन्न मदों से 1788 करोड़ राजस्व प्राप्त होने की संभावना है. राजस्व प्राप्ति 995 करोड़ व पूंजीगत प्राप्ति 792 करोड़ है. खर्च में 797 करोड़ राजस्व व 942 करोड़ पूंजीगत भुगतान होगा. इसके अलावा विज्ञापन नीति को अनुमति मिलने के साथ सेस से भी राशि मिलने की उम्मीद है.
अनिमेष कुमार ने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 15 करोड़ से स्वीपिंग मशीन की खरीदारी होगी. जीर्ण-शीर्ण रोड की मरम्मत पर 50 करोड़, स्वीपिंग मशीन के मंटेनेंस पर 18 करोड़, कंपाेस्टिंग प्लांट, रीसाइकिलिंग प्लांट्स सहित अन्य मदों में 167 करोड़ कुल 213 करोड़ खर्च होंगे. यह राशि 15वें वित्त आयोग से अनुदान मिलनी है. जापानी तकनीक से अधिक ऑक्सीजन देनेवाले पौधे एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र में लगाये जायेंगे. उोंने कहा कि पांच अप्रैल तक नाला उड़ाही का काम पूरा हो जायेगा. मच्छरों के प्रकोप को दूर करने के लिए रोस्टर के अनुसार फॉगिंग की जायेगी.
अगले बजट में आधारभूत संरचना के मद में 486 करोड़ खर्च होने हैं. इसमें नाली गली व जीर्ण-शीर्ण योजना पर 173 करोड़, स्ट्रीट लाइट लगाने पर 18 करोड़, पार्षदों में योजना पूरा करने पर 60 करोड़ खर्च होंगे. इसके अलावा वेंडिंग जोन के निर्माण पर 8.65 करोड़, चौक-चौराहे पर फव्वारे का विकास पर पांच करोड़, ठंड में रैन बसेरा के निर्माण पर 1. 95 करोड़, रामाचक बैरिया में चहारदिवारी निर्माण पर साढ़े पांच करोड़ सहित अन्य मदों पर खर्च होगा. जल जीवन हरियाली पर डेढ़ करोड़, तालाब के जीर्णोद्धार पर 8.80 करोड़ खर्च होना है. शहर की साफ-सफाई से लेकर कचरा प्रबंधन पर 214 करोड़ खर्च होंगे. इसमें रामाचक बैरिया में कचरे के निष्पादन के लिए 31.35 करोड़ खर्च होंगे.