पटना. संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में शनिवार की देर रात नर जेब्रा विक्की की मौत ब्लड में इन्फेक्शन के कारण हो गयी है. यह चार साल का था. इसे वन्यप्राणी अदला-बदली कार्यक्रम के तहत चामाराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डेंस, मैसूर से पिछले महीने 10 फरवरी को लाया गया था और इसे कोरेंटिन किया गया था. जांच के लिए इसके इन्क्लोजर में बची हुई घास, पानी, मिट्टी और गोबर के सैंपल ले लिये गये हैं. पिछले दो महीने में पटना जू में तीन जानवारों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो जेब्रा व एक बाघ शावक है.
10 मार्च को देर रात रात्रि प्रहरी और वनरक्षी ने जेब्रा को जमीन में गिरा हुआ पाया. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना जू के पदाधिकारियों दी, जिसके बाद पशुचिकित्सा पदाधिकारी डॉ राम कुमार पांडेय और डॉ अमित कुमार ने इसकी मृत्यु हो जाने की पुष्टि की. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी है. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण पटना के निदेशक की उपस्थिति में बिहार के वेटनरी कॉलेज के विशेषज्ञ पशुचिकित्सकों डॉ इमरान (पैथलॉजी), डॉ संजीव (पैथलॉजी), डॉ दीपक (पैथलॉजी), डॉ मनोज (माइक्रोबायोलॉजी) और जू के पशुचिकित्सा पदाधिकारी डॉ राम कुमार पांडेय और डॉ समरेंद्र बहादुर ने पोस्टमार्टम किया. टीम की ओर से मौत का तत्काल कारण सेप्टीसीमिया/ टॉकसिमियाेप्टीसीमिय/ टॉकसिमिया बताया गया है. इसकी पुष्टि और विस्तृत जांच के लिए इसके विभिन्न अंगों के सैंपल लिये गये हैं, जिसे विशिष्ट संस्थानों में जांच के लिए भेजा जायेगा.
सेप्टीसीमिया रक्त का संक्रमण है. इसकी वजह से शरीर के कई अंग तंत्र प्रभावित हो सकते हैं. सेप्टीसीमिया तब होता है, जब बैक्टीरिया के तेज संक्रमण के कारण रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है और कार्बन डाइक्साइड की मात्रा बहुत बढ़ जाती है. जैसे-जैसे यह रक्त प्रवाह के साथ शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंचती है, ऑक्सीजन की कमी से अंग काम करना बंद करते चले जाते हैं.
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पटना जू में पिछले दो महीने में तीन जानवरों की मौत हो चुकी है. इससे पहले 23 फरवरी को सात वर्षीया मादा जेब्रा बबली की हार्टअटैक से मृत्यु हो गयी थी. इसे वन्यप्राणियों के अदला-बदली कार्यक्रम के तहत अलीपूर जू, कोलकाता से 26 जून, 2019 को पटना जू लाया गया था. इसके पार्टनर की मौत साल 2021 में हो गयी थी. जू प्रशासन की ओर से इससे जुड़े सारे सैंपल कलेक्ट कर इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइवीआरआइ) भेजे गये हैं.
वहीं, एक फरवरी को बाघिन संगीता के चार शावकों में से एक मगध की मौत हो गयी थी. उस वक्त डॉक्टरों ने उसकी मौत की वजह फेफड़े में इन्फेक्शन बताया था. इसी दौरान जांच में एक अन्य शावक विक्रम में भी इन्फेक्शन मिला था. हालांकि, लगातार डॉक्टरी देखरेख और इलाज के बाद अभी उसकी हालत में सुधार है. फिलहाल उसे अपनी मां और दो अन्य शावकों से पटना जू में मौजूद आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.