21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Nag Panchami: नागपंचमी पर क्यों होती है नाग की पूजा और क्या है कथा तथा पूजा विधि

24 वर्ष बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है जब सावन का सोमवार और नागपंचमी का पर्व एक दिन पड़ा है. सावन का सातवां सोमवार भी 21 अगस्त को है. 21 अगस्त को ही नागपंचमी भी है. इस दिन चित्रा नक्षत्र भी रहेगा और शुभ नामक योग का निर्माण भी हो रहा है.

बिहार में नागपंचमी को लेकर शिवालय में विशेष तैयारी की गई है. सावन का पवित्र महीने में भगवान शंकर की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. इस बार सावन अधिकमास की वजह से दो महीने का हो गया. यह संयोग 19 साल बाद बना है. वहीं नागपंचमी पर भी एक अद्भुत संयोग बन रहा है. लगभग 24 वर्ष बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है जब सावन का सोमवार और नागपंचमी का पर्व एक दिन पड़ा है. सावन का सातवां सोमवार भी 21 अगस्त को है. 21 अगस्त को ही नागपंचमी भी है. इस दिन चित्रा नक्षत्र भी रहेगा और शुभ नामक योग का निर्माण भी हो रहा है. इस साल नागपंचमी का पर्व भी अधिक मास के बाद सावन के सोमवार के दिन पड़ रहा है, पंडित संजीत कुमार मिश्रा कहते हैं कि ऐसा संयोग 24 साल बाद बन रहा है.

हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्लपक्ष के पंचमी तिथि को विशेष पूजन किया जाता है. इस दिन का बहुत ही महत्व है. स्त्री तथा पुरुष दोनों मिलकर इस पर्व को मानाते है. इस दिन महिलाएं सापों को दूध अर्पित करती है और उनकी पूजा करती हैं. इसलिए इस दिन को नाग पंचमी कहा जाता है. नागपंचमी के दिन किसान अपने पशुओं को नदी या तालाब में ले जाकर नहलाते है फिर उनका भी पूजन करते है.

क्यों होती है नाग और नागिन की पूजा

नाग और नागिन की इस दिन एक साथ पूजा होती है. पंडित संजीत मिश्रा कहते हैं कि ऐसी मान्यता है कि नाग और नागिन की एक साथ पूजा करने से मनुष्य के सांप से रक्षा होती है और मनुष्य को इसके भय से दूर भी करता है. घर के दोनों बगल मे नाग की मूर्ति रखकर पूजन करने से विशेष लाभ होता है.

विशेष योग

ज्योतिषी संजीत मिश्रा कहते हैं कि अगर जातक इस दिन विधि-विधान पूर्वक भगवान शंकर के गण नाग देवता की पूजा आराधना करते हैं. साथ ही सोमवार के दिन की वजह से भगवान शंकर की आराधना करते हैं तो उन्हें दोगुना फल की प्राप्ति होगी. इस साल इस दुर्लभ संयोग को बहुत ही खास माना जा रहा है. शिव भक्तों के लिए यह उत्तम दिन है. इस दिन नाग राज की पूजा करने के साथ साथ शिव का जलाभिषेक करे तो सभी मनोरथ पूर्ण होता है.

नागपंचमी का क्या है शुभ मुहूर्त

21 अगस्त 2023 दिन सोमवार,पंचमी तिथि का आरंभ 21 अगस्त 2023 रात्रि 12:21 मिनट से

पंचमी तिथि समाप्त 22 अगस्त 2023 दिन मंगलवार रात्रि 02:00 तक

नागपंचमी के दिन कौन -कौन से नाग की पूजा की जाती है

नाग पंचमी के दिन वासुकी , कालिया , शेषनाग ,काकोटक ,मणिभद्रक ,धृतराष्ट्र,शंखपाल ,तक्षक नाग का पूजन किया जाता है. इनके पूजन करने से परिवार सर्प भय से मुक्त होता है. इसके साथ ही जिन लोगों पर कालसर्प दोष बना हुआ है वे अगर नाग देवता का पूजन करें तो उनके दोष में कमी आ जाती है.

पूजा विधि

(1) नाग पंचमी के एक दिन पहले चर्तुथी को एक समय ही भोजन करे .

( 2 )नाग पंचमी के दिन सुबह उठकर घर की सफाई करे ,उसके बाद स्नान कर के साफ वस्त्र धारण करे तथा व्रत का संकल्प ले .

(3 )नागपंचमी के दिन अपने घर के दरवाजे के दोनों तरफ गोबर से सांप बनाये.

(4 ) सांप को दही , दूर्वा , कुशा . अक्षत ,फूल ,तथा मोदक को समर्पित करे .उनकी पुजा करने से सर्प के डर से मुक्ति मिलती है .

(5 )एक पात्र में दूध के साथ चीनी मिलकर नाग देवता को इसका भोग लगाये .

(6 ).इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराये और व्रत को करे ऐसा करने से घर में सांप से भय नहीं रहता है .

(7) इसके आलावा नाग को दूध से स्नान कराये.

(8) पूजन करने के बाद किसी सपेरे को कुछ दक्षिणा दे .

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें