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बिहार नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षण को लेकर लंबी चलेगी लड़ाई, जानें अब तक क्या रहा गतिरोध

Bihar Nagar Nikay Chunav 2022: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पिछड़ी जातियों के राजनीतिक पिछड़ेपन को खत्म करने के लिए आयोग बनना चाहिए. यह संबंधित डेटा कलेक्ट करेगा और फिर उसके आधार पर आरक्षण लागू करेगा.

बिहार नगर निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nikay Chunav 2022) को लेकर दायर पिटीशन मामले में मुख्य याचिकाकर्ता सुनील कुमार के अलावा 19 अन्य याचिकाकर्ता थे. इसमें कुल 15 मामलों की सुनवाई एक साथ की गयी. मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 243 डी एवं 243 टी के द्वारा स्थानीय स्व शासित निकाय में आरक्षण का प्रावधान किया गया है. के कृष्णमूर्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि शिक्षा व रोजगार के समानताओं व राजनैतिक समानताओं के समक्ष आने वाले अवरोध एक समान नहीं हैं. यही कारण है कि उच्च शिक्षा अथवा रोजगार के लिए तय किये गये आरक्षण का आधार, उसके जांच का पैमाना और उसके कारण समाज पर पड़ने वाले प्रभाव राजनैतिक आरक्षण अलग-अलग मानकों से तय होंगे. इसे प्रयोग सिद्ध विधि द्वारा व्यापक अध्ययन के आधार पर ही लाया जा सकता है. इसके लिए ट्रिपल टेस्ट की व्यवस्था है. स्थानीय स्वशासी निकायों में आरक्षण का लाभ समाज को मिलना चाहिए न कि जीते गये व्यक्ति तक सीमित रहना चाहिए.

आरक्षण के लिए तय प्रतिशत से ज्यादा हो रहा आरक्षण

सुनवाई के दौरान कहा गया कि चुनावी प्रक्रिया में ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) व इबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) सीटों के आरक्षण के दौरान संविधान व सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये गये विधियों व मानकों का ख्याल नहीं रखा गया. स्थानीय स्वशासी निकायों में तय आरक्षण किसी कमीशन के जांच के आधार पर नहीं है. इसमें आरक्षण के लिए तय प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण हो रहा है. राज्य द्वारा राजनैतिक क्षेत्र में दिये जा रहे आरक्षण कभी किसी अध्ययन द्वारा प्रमाणित नहीं हुए हैं.

नगर निकाय चुनाव को लेकर अब तक चला गितिरोध

04/01/2022: राज्य निर्वाचन आयोग ने आरक्षण व अन्य मामलों के विषय में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा.

01/04/2022: नगर विकास विकास ने विधि विभाग के परामर्श के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने हेतु अनापत्ति दिया.

19/08/2022 : राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी प्रमंडलीय आयुक्तों व जिलाधिकारियों को वार्ड पार्षद पद के 10 नगर निगमों के 172 सीटों को आरक्षित कोटि में रखने का आदेश दिया.

26/08/2022: याचिकाकर्ता सुनील कुमार द्वारा पटना हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी.

08/09/2022: नगर निगम के डिप्टी मेयर के पद को आरक्षण के दायरे के तहत रखा गया.

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09/09/2022: राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम चुनाव की अधिसूचना जारी की.

02/09/2022: पटना उच्च न्यायालय ने सुनवाई की तिथि 29/09/2022 को तय की.

19/09/2022: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट को आधार बनाकर पटना उच्च न्यायालय को जल्द सुनवाई का निर्देश दिया.

22/09/2022 : पटना हाइकोर्ट में मामले की दैनिक सुनवाई प्रारंभ.

29/09/2022 : सुनवाई के बाद पटना हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया.

04/10/2022: पटना हाइकोर्ट ने दशहरा की छुट्टी की दौरान कोर्ट खोल कर फैसला सुनाया.

04/10/2022: राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 अक्तूबर 2022 और 20 अक्तूबर 2022 को होने वाले नगर निकाय चुनावों को रद्द करने की अधिसूचना जारी की.

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