20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

National Youth Day: बिहार के इन युवाओं ने अपने हुनर से बनाई अलग पहचान, जानिए इनकी सफलता की कहानी

भारत के महान विचारक, दार्शनिक और सोशल लीडर स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को नेशनल यूथ डे के रूप में मनाया जाता है. वह विश्व शांति और समृद्धि के उत्प्रेरक बने और अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिये युवा पीढ़ी को प्रेरित किया.

‘उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये’. स्वामी विवेकानंद का यह विचार आज देश और दुनिया के लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहा है. इससे प्रेरणा लेकर राजधानी पटना के कई युवा आज विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रहे हैं. हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन मनाया जाता है. इस दिन को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. साल से दशक बदला, लेकिन युवाओं का योगदान आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना पहले था. शहर में कुछ ऐसे युवा हैं, जो समाज के रूढ़िवादी सोच को बदलने के साथ-साथ बेहतर समाज निर्माण का सपना देखते हैं.

बिहार के अरुणेश को मिलेगा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार

पटना के आदित्यपुर सीपारा के रहने वाले अरुणेश कुमार को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. पटना विश्वविद्यालय के पटना ट्रेनिंग कॉलेज के छात्र अरुणेश का चयन राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2019-20 के लिए किया गया है. उन्हें सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 12-16 जनवरी तक कर्नाटक के हुगली में आयोजित होने वाले 26 वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दौरान यह सम्मान प्रदान जायेगा. राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. देशभर से 19 युवाओं का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है. अरुणेश जरूरतमंदों के लिए सोशल मीडिया के जरिये पूरे देशभर में रक्तदान प्रबंधन की मुहिम चला रहे हैं . वे पर्यावरण और थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता भी फैलाते हैं. वे कहते हैं स्वामी विवेकानंद की जीवनी को न सिर्फ मैंने पढ़ा है बल्कि उनके विचारों को हमेशा अपनी जिंदगी में शामिल किया है.

जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर जीता गोल्ड

पटना के राजा बाजार की रहने वाली मिनी कुमारी गवर्नमेंट हाइ स्कूल शास्त्री नगर में हॉकी कोच हैं. वे एकलव्य संस्था से जुड़ी हैं और स्कूल की छात्राओं को हॉकी सिखाती हैं. वे कहती हैं, जब मैं स्कूल में थी तब ग्राउंड में हॉकी खेलने वाली छात्राओं को देखती थी, जिसके बाद मुझे भी इस खेल के प्रति दिलचस्पी बढ़ी. इसमें मेरी मां का सहयोग मिला, लेकिन पिता ने इस बात को नहीं स्वीकारा. बावजूद इसके उन्होंने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता. वहीं साल 2014-18 तक नेशनल अंपायर भी रही. 2018 में हॉकी कोच बनीं, लेकिन साल 2020 तक मैच खेला. आज उनके संघर्ष का ही परिणाम है कि समाज से लेकर परिवार वाले उनके हुनर की कद्र करते हैं.

विवेकानंद के विचार ने लक्ष्य तक पहुंचाया

पटना के दानापुर की रहने वाली खुशी कुमारी ने इस साल तमिलनाडु में आयोजित हुए यूथ ब्वॉयज, गर्ल्स, जूनियर-सीनियर, मेन वीमेन नेशनल वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल लेकर आयी हैं. वे बताती हैं कि उनके माता-पिता फल बेचते हैं और अपने सामर्थ्य के अनुसार उनका सहयोग करते हैं. इससे पहले उन्हें जिला और राज्य स्तर पर भी गोल्ड मेडल मिल चुका है. लड़की होने की वजह से रिश्तेदार से लेकर पड़ोसी हर किसी ने मेरे काबिलियत पर संदेह किया, लेकिन माता-पिता का सहयोग ने मुझे यहां तक पहुंचाया.मैंने हमेशा स्वामी विवेकानंद के विचार ‘उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये का अनुसरण किया है.

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में रिसर्च का दिया प्रेजेंटेशन

पटना के नेहरू नगर की रहने वाली शुभांगी श्री रिसर्च स्कॉलर बनना चाहती हैं. इन्होंने गाइडेंस एंड काउंसेलिंग एनसीइआरटी भुवनेश्वर जोन से डिप्लोमा किया है. साल 2019 में अपनी पीजी की पढ़ाई मगध महिला कॉलेज से की थी, जिसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी में सेकंड रैंक हासिल किया था. शुभांगी डेटिंग वॉयलेंस विषय पर रिसर्च कर रही हैं. हाल ही में वे दिल्ली में आयोजित हुए हेल्थ साइकोलॉजी से जुड़े इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में अपने रिसर्च की प्रस्तुति दी थीं. इसमें देश के कई रिसर्च स्कॉलरों ने भाग लिया था. वे अब इसी विषय पर ट्रांसजेंडर्स को लेकर रिसर्च कर रही हैं.

स्टेट कराटे चैंपियन में मिला है सात गोल्ड मेडल

कराटे में देश को नयी बुलंदियों पर पहुंचाना मेरा जुनून है. मैंने 2015 से अब तक स्टेट कराटे चैंपियनशिप में सात गोल्ड मेडल हासिल किया है. यह कहना है पटना विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के जाबिर अंसारी का. जाबिर ने विभिन्न देशों में आयोजित कराटे चैंपियनशिप में भी बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है. इन्होंने चीन, तुर्की और इजिप्ट में बेहतर प्रशर्दन कर देश का नाम रोशन किया है. जाबिर कहते हैं लक्ष्य की प्राप्ति के समर्पित होकर तब तक लगे रहें जब तक लक्ष्य पूरा न हो जाये. स्वामी विवेकानंद के इस कथन का हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ा है. मैच के दौरान भी मैं अपने प्रतिद्वंदी के आंखों में अपनी जीत देखने की कोशिश करता हूं.

केविएस पटना रीजन में किया टॉप, नीट में मिली सफलता

बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय की छात्रा अपूर्वा ने केंद्रीय विद्यालय पटना रीजन में 12वीं में टॉप कर संस्थान का नाम रोशन किया. केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से उन्हें 10 हजार रुपये की पुरस्कार राशि व सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया. इसके साथ ही अपूर्वा ने नीट में भी सफलता प्राप्त की. अपूर्वा बताती है कि वे गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. वे कहती हैं कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी. अपूर्वा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के इस विचार को सभी युवाओं को अपने जीवन में आत्मसात कर निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए.

Also Read: पटना के बेमिसाल टीचर्स, जो दिव्यांग बच्चों की जिंदगी संवारने में दे रहे अपना योगदान
जरूरतमंद युवाओं को निशुल्क दे रहे कंप्यूटर ट्रेनिंग

टीरो फाउंडेशन की ओर से जरूरतमंद युवाओं को निशुल्क कंप्यूटर ट्रेनिंग देने के लिए साल 2018 में प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गयी. फाउंडेशन के संस्थापक अवनीश कुमार बताते हैं कि फिलहाल राज्य के विभिन्न जिलों में 25 सेंटर बनाये गये हैं. इसके साथ ही संस्थान की ओर से कंप्यूटर ट्रेनिंग लेने वाले युवाओंं को नौकरी के अवसर भी मुहैया कराया जा रहा है. संस्थापक अवनीश कुमार ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में निशुल्क प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की जायेगी.

https://www.youtube.com/watch?v=pNk4EQltnMc

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें