पटना. प्रदेश के प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र का सुरक्षा ऑडिट कराया जायेगा. इस संदर्भ में उद्योग विभाग और बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच सहमति हुई है. दोनों के बीच हुई सहमति के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में बनने वाली प्रत्येक संरचना में औद्योगिक निर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक सामग्री और भवन में भूकंपरोधी लिखा जाना अनिवार्य होगा. दरअसल राज्य सरकार चाहती है कि प्रदेश के औद्योगिक परिसर और क्षेत्रों को आपदा मुक्त रखा जाये.
राज्य की आर्थिक गतिविधियां किसी भी आपदा से प्रभावित न हों. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदयकांत मिश्र ने इस संदर्भ में प्रदेश के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को पत्र लिख कर इस संदर्भ में अवगत कराया है. दरअसल दोनों के बीच इस संबंध में हाल ही में एक औपचारिक बैठक भी हो चुकी है.
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने उद्योग मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि खतरनाक और जोखिम भरे उद्योगों जैसे रासायनिक,न्यूक्लियर आइटम्स आदि की भांति राज्य के कुछ विशेष उद्योगों की समुचित सुरक्षा की जांच समय-समय पर एनडीआरएफ के जरिये करायी जा सकती है. साथ ही इस संदर्भ में उद्योग विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ प्रशिक्षण भी कराया जा सकता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 19 हजार से अधिक ऐसे राज मिस्त्री प्रशिक्षित किये गये हैं, जिनके जरिये औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाले नये निर्माण कराये जा सकते हैं.
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प्राधिकरण ने प्रस्ताव दिया है कि उद्योग विभाग में कार्यरत अभियंताओं को भूकंपरोधी भवनों के निर्माण का समुचित प्रशिक्षण कराया जाये. इस संदर्भ में निर्णय लिया जाना उचित होगा. औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मियों के लिए आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल एसडीआरएफ के सहयोग से करायी जा सकती है. पुराने औद्योगिक भवनों का रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग करवाने का काम प्राधिकरण करने के लिए तैयार है. आवश्यकता पड़ने पर ऐसे भवनों की रेट्रोफिटिंग करा कर उन्हें सुरक्षित बनाया जा सकता है.