आईजीआईएमएस में दीक्षांत समारोह : मरीज को अपने परिवार का सदस्य मान कर डॉक्टर को इलाज करना चाहिए, उनका व्यवहार नम्र होना चाहिए. क्योंकि मरीज व परिजन डॉक्टर के क्लीनिक की कमाई नहीं याद रखते, बल्कि उनके द्वारा किये गये बेहतर इलाज को ही याद रखते हैं. यह कहना है उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का. पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में आठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित व संस्थान के कुलगीत के साथ हुई. अपने उद्घाटन भाषण में बतौर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तेजस्वी ने कहा कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास हो रहा है.
न्यूरो सर्जरी व क्रिटिकल केयर यूनिट के विकास में 20 करोड़ रुपये होंगे खर्च
तेजस्वी यादव ने कहा कि आईजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी व क्रिटिकल केयर यूनिट के विकास में 20 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. साथ ही शिशु रोग वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाकर 125 की जायेगी, ताकि बच्चों को भर्ती होने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के तौर पर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार, पीयू के कुलपति गिरीश चौधरी, बिहार मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ एसएन सिन्हा विशेष तौर पर उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान पढ़ाई पूरी कर चुके एमबीबीएस, पीजी व पीएचडी छात्रों को डिग्री व गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. गोल्ड मेडल पाते ही छात्रों के चेहरे खिल उठे.
आइजीआइएमएस में रजिस्ट्रेशन व दवा फ्री करने पर हो रहा विचार
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गरीब मरीजों को आइजीआइएमएस में इलाज कराने में किसी तरह की कोई आर्थिक परेशानी नहीं हो इसको लेकर भी स्वास्थ्य विभाग विचार कर रहा है. आने वाले दिनों में संस्थान में रजिस्ट्रेशन और दवाएं नि:शुल्क दी जाएं, इसको लेकर विचार किया जा रहा है. वहीं आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ बिंदे कुमार ने कहा कि पिछले एक साल के अंदर संस्थान में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं. उन्होंने कहा कि रिसर्च, पढ़ाई व इलाज में आधुनिक तौर पर संस्थान में सुविधाएं मिलें, इसके लिए आइजीआइएमएस से दिल्ली एम्स, आइआइटी पटना, बिहार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, पीजीआइ चंडीगढ़ से एमओयू किया गया है.
बनेगा नया ऑडिटोरियम, बैठेंगे 500 लोग
संस्थान के उपनिदेशक डॉ मनीष मंडल ने कहा कि संस्थान में बड़ा ऑडिटोरियम बनाया जायेगा, जिसमें एक साथ 500 सीटों पर लोग बैठ सकेंगे. साथ ही अलग से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, ओपीडी के सामने इलेक्ट्रिक पेशेंट नंबर बोर्ड, पेपरलेस ओपीडी आदि की सुविधा शुरू होने जा रही है. वहीं संयुक्त सचिव सुधीर कुमार ने कहा कि हाल ही में पूरे मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में हो रहे रिसर्च को लेकर एक बैठक की गयी थी. जिसमें पता चला कि सबसे अधिक आइजीआइएमएस में ही रिसर्च हो रहा है. यह संस्थान के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि रिसर्च में बजट मुहैया कराया जायेगा. डॉ एसएन सिन्हा ने कहा कि संस्थान को बिहार मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबंधित कोई भी मदद चाहिए, तो यूनिवर्सिटी हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी.
तीन साल बाद हुआ दीक्षांत समारोह, 554 छात्रों को मिली डिग्री, टॉपरोंं को मिला गोल्ड मेडल
आइजीआइएमएस में 2019 के बाद यानी तीन साल बाद दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. उपनिदेशक ने बताया कि 2020 से कोविड-19 की वजह से कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. ऐसे में वर्ष 2020, 2021 और 2022 के एमबीबीएस, डीएम, एमसीएच व एमडी, पारा मेडिकल, नर्सिंग कोर्स में पासआउट कुल 554 छात्रों को डिग्री दी गयी. इसमें डॉ विश्रुत भार्ती, डॉ गौरव कुमार, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ ज्योति, डॉ प्रगति राज समेत 172 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला. एमबीबीएस के 206, एमडी व एमएस के 165, डीएम व एमसीएच के 25, पीएचडी के सात के अलावा पैरामेडिकल व नर्सिंग छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी.
Also Read: बिहार के 38 शहरों में मोक्षधाम का होगा निर्माण, सीएम नीतीश कुमार ने 55 योजनाओं का किया शिलान्यास Also Read: पटना के सैदपुर नाले पर पहाड़ी तक बनेगी सड़क, सीएम नीतीश कुमार ने किया शिलान्यास, तेजस्वी यादव भी रहे मौजूद