निफ्ट पटना में सोमवार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया. इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने अपनी सूक्ष्म योजना और भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत को बढ़ावा देने के लिए रैंप वॉक किया. इससे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
एक रोमांचक ‘समसामयिक साड़ी ड्रेपिंग पर लेकडेम’ ने लोगों को आकर्षित किया. इस दौरान क्लासिक साड़ी पहनने और सजाने के अत्याधुनिक तरीकों का भी छात्राओं ने प्रदर्शन किया.
पारंपरिक हथकरघा के साथ समकालीन कपड़ों के मिश्रण से स्थिर प्रदर्शनी क्षेत्र के माध्यम से एक ‘एथनिक वॉक’ से अपनी रचनात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया. इस दौरान गीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से अपनी कलात्मक अभिव्यक्तियों को दर्शाया.
उपस्थित लोगों को हस्तनिर्मित वस्त्रों की शाश्वत कलात्मकता को अपनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया गया. पूरे दिन चलने वाले समारोह में सेल्फी इन हैंडलूम का आयोजन किया गया. हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शन-सह-बिक्री, जिसमें प्रसिद्ध कारीगरों और संगठनों की हस्तनिर्मित उत्कृष्ट कृतियां है.
निफ्ट पटना के निदेशक कर्नल राहुल शर्मा ने कहा कि सूक्ष्म योजना और भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत को बढ़ावा देना निफ्ट का मकसद है.
इस अवसर पर सुभाष (डिजाइनर और निफ्ट पटना के पूर्व छात्र) ने बिहार खादी का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने हथकरघा सामानों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन किया, जिसमें बिहार की सांस्कृतिक विरासत का सार पूरी तरह से दर्शाया गया.
महत्वाकांक्षी कारीगरों के लिए प्रोत्साहन के स्रोत पद्मश्री कपिलदेव प्रसाद ने मास्टर बुनकरों और शिल्पकारों का एक समूह प्रस्तुत किया, जिन्होंने अपने उल्लेखनीय वस्तुओं को प्रदर्शित किया.
नालंदा के प्रतिभाशाली बावनबूटी कारीगर अखिलेश ने अपनी पारंपरिक शिल्प कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसमें बिहार के कलात्मक अतीत की भावना को दर्शाया गया.
उपस्थित लोग ‘हथकरघा उत्पादों के मनमोहक स्थैतिक प्रदर्शन’ से मुग्ध हो गये, जिसमें सीबीपीडी द्वारा आंतरिक रूप से निर्मित कार्यों को प्रदर्शित किया गया और निफ्ट पटना की पहल और मौलिकता पर प्रकाश डाला गया. मौके पर उषा झा, वीणा उपाध्याय, पद्मश्री कपिलदेव प्रसाद, मुकेश कुमार के साथ चर्चा भी हुई.
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