पटना. बिहार की बनी नयी सरकार में सबसे अधिक मिथिला के इलाके से मंत्री बने हैं. गंगा पार इलाके के रूप में देखा जाये तो सात मंत्री इस इलाके से आये हैं. अकेले मधुबनी जिले से दो रामप्रीत पासवान और शीला कुमारी मंत्री बनायी गयी है. जबकि दरभंगा जिले की झोली में भी दो मंत्री आये हैं.
भाजपा के जीवेश मिश्रा और वीआइपी से मंत्री बने मुकेश सहनी दोनों ही दरभंगा जिले से आये हैं. समस्तीपुर जिले से विजय कुमार चौधरी, सुपौल से विजेंद्र प्रसाद यादव, मुजफ्फरपुर के औराइ से रामसूरत राय भी मंत्री बनाये गये हैं.
शाहाबाद इलाके के चार जिलों में एकमात्र भाजपा के अमरेंद्र प्रताप सिंह को मंत्री बनने का मौका मिला. सारण प्रमंडल का प्रतिनिधित्व मंगल पांडेय करेंगे. जबकि चंपारण के इलाके से भाजपा की उप मुख्यमंत्री रेणु कुमारी एकमात्र मंत्री बनायी गयी.
अंग व भागलपुर का प्रतिनिधित्व जदयू के मेवालाल चौधरी व अशोक चौधरी करेंगे. जबकि मगध इलाके से संतोष कुमार सुमन मंत्री बनाये गये हैं. सीमांचल का प्रतिनिधित्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद करेंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले से उनको छोड़ कोई अन्य मंत्री नहीं बनाये गये हैं. पिछली सरकार में श्रवण कुमार इस जिले से मंत्री रहे हैं. दरअसल एनडीए के लिए सत्ता के सफर को कोसी व सीमांचल ने आसान किया है.
इस इलाके की 37 सीटों में 22 सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा. जबकि कोसी की 13 सीटों में एनडीए को 10 सीटों पर जीत मिली. इन 37 सीटों में 22सीटें एनडीए के खाते में गयी. जानकारों की मानें तो कोसी व सीमांचल के कुछ और विधायकों को मंत्री पद का इनाम मिल सकता है.
मंत्रिमंडल गठन के बाद तारकिशोर प्रसाद व विजेंद्र यादव को महत्वपूर्ण विभाग मिलना तय माना जा रहा था. हालांकि, मंत्री पद के दावेदारों में और भी कई चेहरे शामिल हैं. उम्मीद जतायी जा रही है अगले विस्तार में कोसी और पूर्णिया प्रमंडल के कुछ और विधायक को मंत्री पद मिल सकता है.
पिछले विधानसभा में आलमगनर के विधायक नरेंद्र नारायण यादव, रुपौल की विधायक बीमा भारती, बनमनखी के विधायक कृष्ण कुमार ऋषि व प्राणपुर के विधायक स्व विनोद सिंह मंत्री थे. विनोद सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी ने जीत दर्ज की है, तो नरेंद्र, बीमा और कृष्ण एक बार फिर विधानसभा पहुंचे हैं.
Posted by Ashish Jha