पटना : पहली बार बिहार में एनडीए सरकार में नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री के रूप में सुशील कुमार मोदी के बिना मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. 2015 में जब महागठबंधन सरकार बनी थी, तब नीतीश कुमार एनडीए से अलग थे. इस बार नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भाजपा से अधिक संख्या में मंत्री रहेंगे. इनकी संख्या पिछली बार के 11 से बढ़कर 18 या 20 तक हो सकती है.
सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के आधा दर्जन या इससे थोड़ा ज्यादा नये चेहरे मंत्री के पद पर शपथ ले सकते हैं. हालांकि, स्थिति शपथ ग्रहण के दौरान ही स्पष्ट हो पायेगी. इस बात की भी चर्चा है कि इस बार भाजपा की तरफ से सुशील कुमार मोदी के स्थान पर डिप्टी सीएम के तौर पर विधानमंडल दल के नवनिर्वाचित नेता तारकिशोर प्रसाद को मौका मिल सकता है.
इसके अलावा विधायक दल की उपनेता रेणु देवी को भी अहम जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है. अगर उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिलता है तो वह डिप्टी सीएम बनने वाली राज्य की पहली महिला होंगी. स्पीकर पद को लेकर भाजपा व जदयू में आपसी सहमति से निर्णय होगा.
मौजूदा स्पीकर विजय कुमार चौधरी के नाम पर एक बार फिर सहमति बन सकती है. हालांकि, इसका औपचारिक एलान अब तक नहीं हो पाया है. राज्यपाल से मिल कर लौटने पर पत्रकारों के सवाल के जबाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि इस बार अभी फैसला नहीं हुआ है.
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भाजपा की तरफ से जिन पुराने लोगों के फिर से मंत्री बनाये जाने के कयास तेजी से चल रहे हैं, उनमें नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, प्रमोद कुमार समेत अन्य शामिल हैं. जिन नये लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें संजय पासवान, देवेशकांत सिंह, नीतीश मिश्रा समेत अन्य शामिल हैं.
इसी तरह जदयू की तरफ से विजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, डाॅ अशोक चौधरी, संजय झा, नरेंद्र नारायण यादव, लेशी सिंह समेत अन्य लोगों के नाम मंत्री पद के लिए प्रमुखता से चल रहे हैं.
Posted by Ashish Jha