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नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, मामूली परीक्षा देकर नियोजित शिक्षक बनेंगे सरकारी, दो महीने में 1.20 लाख नियुक्तियां

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का भी सरकारीकरण किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वैसे भी हम नियोजित शिक्षकों को पैसा दे रहे हैं. लेकिन अब हम एक परीक्षा आयोजित करा कर नियोजित शिक्षकों का सरकारीकरण करने की सोच रहे हैं.

पटना के गांधी मैदान में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों का भी सरकारीकरण किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वैसे भी हम नियोजित शिक्षकों को पैसा दे रहे हैं. लेकिन अब हम एक परीक्षा आयोजित करा कर नियोजित शिक्षकों का सरकारीकरण करने की सोच रहे हैं. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि अगले दो महीने में बाकी बचे 1.20 लाख पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. उन्होंने शिक्षा विभाग को इस दिशा में तेजी काम करने का निर्देश दिया. सात निश्चय-2 के सरकार ने दस लाख नौकरी और दस लाख रोजगार देने का वायदा किया है. जिसके तहत दो महीना के अंदर ही 1.20 लाख शिक्षकों को नौकरी दी गयी है.

रोजगार देने की दिशा में भी तेजी से काम हुआ

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1.20 शिक्षकों के अलावा 50 हजार हेडमास्टर , 51 हजार सिपाही और पुलिस अधिकारी को नौकरी मिली है. एक से डेढ़ साल के अंदर दो लाख लोगों को और नौकरी देंगे. उन्होंने कहा कि रोजगार देने की दिशा में भी तेजी से काम हुआ है. पांच लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था की गयी है.

मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को सरकारी बनायेंगे

मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में नियोजित शिक्षकों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों सरकारी शिक्षक बनायेंगे. नियोजित शिक्षकों को भी तो पैसा सरकार दे ही रहे हैं. उनकी मांग थी सरकारीकरण करने की. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत और नगर निकायों में 3.68 लाख नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. इससे पहले स्कूलों को बुरा हाल था.

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बिहार में बड़े पैमाने पर हुई नियुक्ति

इसके साथ ही शिक्षक बहाली पर उठ रहे सवालों को लेकर सीएम ने कहा कि दूसरे राज्य के लोगों को नौकरी देने से बिहार के लोगों की हकमारी होने का जो लोग आरोप लगा रहे हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि दूसरे राज्यों में बिहार के कितने ही लोग नौकरी कर रहे हैं. लोगों को तो इससे खुशी होनी चाहिए की दूसरे राज्य के लोग बिहार आ कर काम करेंगे. सीएम ने यह भी कहा कि बिहार में जीतने बड़े पैमाने पर नियुक्ति हुई है, उतने बड़े पैमाने पर कहीं भी नियुक्ति नहीं हुई है.

88 फीसदी शिक्षक ही बहाल हो पाये

सीएम ने कहा कि 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, परीक्षा में करीब 8 लाख शिक्षक शामिल हुए थे. चूंकि परीक्षा में सभी सफल नहीं हुए, इसलिए 88 फीसदी शिक्षक ही बहाल हो पाये. जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि बाहरी लोगों की बहाली की गयी है, वे जानते हैं कि जब भी कोई बहाली होती है तो देश भर के लोगों को मौका दिया जाता है. बिहार के लड़के-लड़कियों को दूसरे राज्यों में कितनी बहाली मिलती है.

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