मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा है कि वे सभी विभागों की सभी जन उपयोगी सेवाओं को एक प्लेटफार्म पर लाएं, जिससे लोगों को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके. अभी 52 तरह की सेवाएं एक प्लेटफार्म पर आ चुकी हैं, बची हुई कुछ और सेवाओं को जल्द इसमें शामिल कर लिया जायेगा. शनिवार को मुख्यमंत्री ने कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा की.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोगों को सेवाएं देने करने के लिए जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर केंद्र बनाये गये हैं. पहले प्रमाण पत्र लेने के लिए काफी समय और खर्च लगता था. इस कानून के लागू होने से लोगों को निश्चित समय के अंदर सेवाएं दी जा रही हैं. अब तक 25 करोड़ से अधिक आवेदकों ने आवेदन देकर इसका लाभ उठाया. सीएम ने कहा कि पांच जून, 2016 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की शुरुआत की गयी थी. लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए इस कानून को लाया गया. हमलोगों का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों की शिकायतों का समाधान हो, समाज में तनाव घटे, शांति बनी रहे और आपसी विवाद खत्म हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक क्राइम का कारण संपत्ति और भूमि विवाद है. लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत भूमि संबंधी समस्या, बिजली बिल, सड़कों, पुलों के मेंटेनेंस आदि जैसे कई विषयों को रखा गया है. अब लोग सड़कों, पुलों के मेंटेन नहीं रहने पर इस कानून के अंतर्गत अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे, जिससे सड़कों और पुलों का मेंटेनेंस तो होगा ही साथ ही जिम्मेवार पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में इन कानूनों के क्रियान्वयन का नियमित गहन निगरानी की जाए, ताकि कार्यान्वयन में और बेहतर सुधार किया जा सके. शिकायतों का नियत अवधि में निराकरण हो, अपील का डिस्पोजल समय पर कराना सुनिश्चित करें. अन्य प्रचार माध्यमों के साथ लोक चौपाल के द्वारा लोगों को इन कानूनों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें, जिससे वे इसका लाभ उठा सकें.
राज्य में लोक सेवाओं का अधिकारा अधिनियम (आरटीपीएस) लागू होने के बाद 52 तरह की सेवाएं इसके दायरे में आ गयी हैं. इससे लोगों को अब समय पर जाति, आवास, आय प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य तरह की जरूरी सेवाएं निर्धारित समय में बिना किसी परेशानी के मिल जाती हैं. करीब 33 विभागों की सभी जरूरी सेवाएं इसमें शामिल हैं. परंतु अब भी परिवहन, उद्योग समेत कुछ अन्य विभागों की कुछ सेवाएं हैं, जो इसके दायरे से बाहर हैं. ऐसी सभी छूटी हुई सेवाओं को इसमें शामिल करने से लोगों को समय पर इसका लाभ मिल जायेगा. राज्य की सभी तरह की सेवाओं को एक पोर्टल पर शामिल करने से कोई भी व्यक्ति आरटीपीएस पोर्टल पर जाकर अपनी जरूरी की सेवा का चयन कर आवेदन कर सकता है.
-शिकायतों का निबटारा समय सीमा के भीतर हो
-अपील का डिस्पोजल समय पर कराना सुनिश्चित करें
-अन्य प्रचार माध्यमों के साथ ही लोक चौपाल के द्वारा लोगों को इन कानूनों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिले
-अधिक से अधिक लोगों की शिकायतों का समाधान हो
-समाज में तनाव घटे शांति बनी रहे और आपसी विवाद खत्म हो
POSTED BY: Thakur Shaktilochan