मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक बार फिर केंद्र पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र की विरोधी सभी पार्टियों से बात की जा रही है. सहमति देने वाली पार्टियां जब एक साथ बैठेंगी, तो उसी बैठक में पूरे देश के लिए पॉलिसी तय होगा. उसमें यह भी तय होगा कि लोकसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर आगे क्या काम करना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार का नाम लिये बिना कहा कि वे लोग पूरे देश का इतिहास ही बदल दे रहे हैं. आजकल कहीं कुछ काम नहीं हो रहा है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव का परिणाम 13 मई को आने वाला है. माना जा रहा है कि 13 मई के बाद किसी भी दिन पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होगी. इसमें शामिल होने के एनसीपी नेता शरद पवार और शिवसेना के उद्धव ठाकरे को भी न्योता भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे नीतीश कुमार का संदेश मिलने पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह गैर भाजपाई दलों की बैठक में शामिल होने आयेंगे.
बिहार में बजरंग दल पर प्रतिबंध और कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो में जीत के बाद बजरंग दल और पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाने के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में वह अभी कुछ नहीं बोलेंगे. बिहार प्रांत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व मुहम्मद युनूस के जन्म दिवस पर पटना के श्रीकृष्ण स्मारक भवन परिसर में आयोजित राजकीय जयंती समारोह में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में ओड़िशा जाने के सवाल पर कहा कि हम कब जायेंगे, किससे मिलेंगे यह सब बात आपको कुछ दिन बाद पता चल जायेगा. उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत रुचि कुछ नहीं है. हम सबको एकजुट करना चाहते हैं. सभी एकजुट होंगे तो देश सुरक्षित रहेगा. जब सब कुछ फाइनल हो जायेगा तो आपलोगों को बता देंगे. जो भी करना होगा सभी लोगों के हित में करेंगे.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी द्वारा दिये गये बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप सोच लीजिए कि उन लोगों का क्या स्तर हो गया है. वे पहले राजद में थे और फिर हमलोगों की पार्टी में चले आये थे. फिर भागकर वहां चले गये. कौन क्या बोलता है, किसी के मन में कोई बात है, इसका कोई मतलब नहीं.
बिहारियों को लेकर दिये गये गोवा के मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये बयान पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब चीज नहीं बोलना चाहिए. इस तरह बिहारियों के बारे में बोलना गलत बात है.
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मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल पर भाजपा का नाम लिये बिना कहा कि हमलोगों और अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किये गये काम को ये लोग याद नहीं रखेंगे और कहेंगे कि सब हमने ही किया है. अटल जी के समय में कभी भी हिंदू-मुस्लिम का कोई झंझट नहीं हुआ, विपक्ष के लोग भी उनसे खुश रहते थे. सब लोग मिलकर काम कर रहे थे. वे हमलोगों को बहुत मानते थे. जब हम रेल मंत्री थे तो एक बार एक्सीडेंट हुआ और हम रिजाइन कर दिये. अटल जी रिजाइन एक्सेप्ट करने के लिए तैयार नहीं थे, तो दूसरी बार हम हाथ जोड़कर कहे कि इसे मान लिया जाए, तब उन्होंने एक्सेप्ट किया. रेलवे में सुरक्षा को लेकर हमने जो योजना बनायी, वह काफी बढ़िया थी और उससे लोगों को फायदा हो रहा है.