पटना. दरभंगा एम्स को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एम्स बनाने के लिए बिहार सरकार ने जमीन दे दी है. अब उन्हें बनाना है तो वहीं बनायें. हमने जो जमीन दी है वो सभी मायनों में बेहतर है. सोमवार को पटना में जेपी गंगा पथ के उद्घाटन करने आये सीएम नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने दरभंगा एम्स के संबंध में सवाल किया तो उन्होंने मोदी सरकार को दो टूक जवाब दिया. उन्होंने कहा है कि दरभंगा में हमने जो जमीन चुनी है, वह सबसे उपयुक्त है. एम्स का निर्माण वहीं पर करना होगा. अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है, तो फिर उनकी इच्छा जो करें. नीतीश कुमार ने कहा कि एम्स पटना में आया और अब अगला एम्स दरभंगा में हो, यह हमारी इच्छा है.
डीएमसीएच का विस्तार पीएमसीएच से बेहतर होगा
नीतीश कुमार ने जमीन के नीचे होने का आरोप खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि हम जमीन ऊंची करके देंगे. उन्होंने कहा है कि इसके दोनों तरफ रास्ते का निर्माण कराया जाएगा. यही नहीं कई अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाए जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि इससे दरभंगा शहर का विस्तार होगा और कई इलाकों का भी विकास होगा. नीतीश कुमार ने कहा कि हम हर जगह मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं. पहले छह मेडिकल कॉलेज थे और अब गिनती बढ़कर 11 हो गई है. हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का और विस्तार किया जाएगा. इसे पीएमसीएच की तर्ज पर इसे भी बेहतर बनाया जाएगा.
तेजस्वी यादव ने पीएम पर कसा था तंज
दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच घमासान मचा है. दोनों सरकारों के मंत्रियों और नेताओं के बीच बयानबाजी की जंग छिड़ी है. दरअसल पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कह दिया कि दरभंगा में एम्स बन गया है. दरभंगा एम्स पर पीएम नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई. इस पर पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे थे. इस पर तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर लिखा कि आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में एम्स खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे. वस्तुस्थिति ये है कि बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया, लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित एम्स के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी. प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफेद झूठ बोला.
नीतीश और मोदी सरकार आमने-सामने
तेजस्वी यादव के ट्वीट के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती, बल्कि विकास की राजनीति करती है. हमारी नीयत साफ है. एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी. इसके बाद आप सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी. वहीं, इसके बाद तेजस्वी यादव ने फिर से मनसुख मंडाविया को ट्वीट कर जवाब दिया. दरभंगा एम्स को लेकर नीतीश सरकार और मोदी सरकार आमने-सामने है. इसके बाद से ही दरभंगा एम्स को लेकर बिहार में खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है.
जमीन को खारिज करना कहीं से तर्कसंगत नहीं
इसबीच, जदयू नेता और बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर कहा कि जमीन को खारिज करना तर्कसंगत नहीं है क्योंकि जिस इलाके में एम्स के लिए जमीन का चयन किया गया है उसी इलाके में दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज फंक्शनल है. उन्होंने कहा कि जब दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज बन सकता है तो एम्स क्यों नहीं बन सकता है, जबकि राज्य सरकार यह कह चुकी है कि दरभंगा एम्स के लिए बिहार सरकार ने न केवल मुफ्त जमीन दी है, बल्कि उस पर मिट्टी भराई कर उसके समतलीकरण और चहारदीवारी निर्माण के लिए 309.29 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी है. इस कार्य के लिए निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी है. आपका विभाग जब उस भूमि पर एम्स निर्माण की सहमति देगा, उसके तत्काल बाद मिट्टी भराई का काम शुरू हो जाएगा.