2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी नेताओं को गोलबंद करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दोपहर बाद दिल्ली पहुंचे. शाम छह बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब घंटे भर की बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष की गोलबंदी को लेकर दोनों नेताओं ने रायशुमारी की.
दिल्ली रवाना होने के पूर्व उन्होंने पटना में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सरकारी आवास जाकर मुलाकात की. इस दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. लालू प्रसाद के साथ मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं को एकजूट करने के मुहिम को लेकर चर्चा की. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार की यह पहली दिल्ली यात्रा है.
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री की राहुल गांधी के अलावा आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वाम नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन जाकर भेंट करेंगे. इसके बाद उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री डा अशोक चौधरी और सूचना एवं जनसंपर्क व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार भी हैं.
दिल्ली रवानगी के समय लालू प्रसाद से मुलाकात को लेकर संवाददाताओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग एक ही विचारधारा के हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली से लौटने के बाद वह पूरी बात विस्तार से साझा करेंगे. हम लोगों की आपस की राय एक ही है. आपस की बात हमेशा होती रही है. मुख्यमंत्री की कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमार स्वामी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेख यादव से भी होगी मुलाकात.
एक दिन पूर्व जदयू की राष्ट्रीय परिषद की पटना में हुई बैठक में नीतीश कुमार को भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता के लिए आगे बढ़ने को अधिकृत किया गया था. विपक्ष की गोलबंदी के सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पटना यात्रा को जोड़ कर देखा जा रहा है.
सीएम का दिल्ली दौरा है. वहां वे कई नेताओं से मुलाकात करेंगे. महागठबंधन के सभी साथी दल कांग्रेस, माकपा, भाकपा और भाकपा माले के नेताआें से वह मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अभी एक मात्र लक्ष्य जितने देश भर में सभी विपक्षी दल को एकजूट करना है.