पटना . पटना जिले में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब जल्द ही पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर व मुहल्लों में सर्वे करेगा. इस दौरान बुखार और टीबी रोगी ढूंढ़े जायेंगे और कोरोना टीकाकरण के अलावा नियमित टीकाकरण का लाभ न पाने वालों की सूचना तैयार की जायेगी.
पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि कोविड मौसमी बीमारी के प्रति सतर्कता का स्तर बढ़ाना होगा. लक्षण वाले मरीजों को ढूंढ़ा जाये और उनकी जांच करायी जाये. सर्वे के दौरान लोगों को कोविड के प्रति जागरूक किया जायेगा. लोगों को मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू जैसी बीमारियों के लक्षण आदि के बारे में जागरूक किया जायेगा.
डेंगू की रोकथाम के लिए शहर को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर मच्छरों पर वार किया जायेगा. शहर के करीब 26 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की आबादी को छह हिस्सों में बांटते हुए प्रत्येक भाग में दो मलेरिया इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी जायेगी.
ये इंस्पेक्टर क्षेत्रों में भ्रमण करेंगे और साफ पानी जमाव वाले स्रोतों जैसे कूलर, गमले, टूटे पात्र, एसी बैंड, फ्रीज ट्रे की जांच करेंगे. अगर जांच में जलस्रोत व मच्छरों के लार्वा मिलते हैं तो संबंधित व्यक्ति और संस्थान को नोटिस दी जायेगी. पहले चरण में होटल, अस्पताल, स्कूल आदि सार्वजनिक जगहों पर जांच होगी और कार्रवाई की जायेगी.
राज्य में रविवार को कुल पांच जिलों में कोरोना के नये आठ मामले पाये गये. इसके बाद एक्टिव केस घटकर 64 हो गये हैं. फिलहाल कोरोना मरीजों का रिकवरी दर करीब 98.66 फीसदी है. सबसे अधिक तीन मामले समस्तीपुर जिले में पाये गये.
वहीं पटना जिले में दो, रोहतास में एक, शेखपुरा और पश्चिम चंपारण में एक-एक नये मामले पाये गये. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में कुल एक लाख 58 हजार 698 सैंपल की जांच की गयी.
Posted by Ashish Jha