पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्सों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया. नाराज नर्सों ने अधीक्षक ऑफिस का घेराव कर प्रदर्शन किया और कुछ देर के लिए काम भी ठप कर दिया, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. मामले को बढ़ता देखते हुए मौके पर सुरक्षा कर्मी पहुंचे, तो मामला शांत हुआ.
नर्सों ने पीएमसीएच के अधीक्षक पर आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझ कर तंग किया जा रहा है. सीनियर नर्सों का हटाकर जूनियर को चार्ज दिया जा रहा है. इधर अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के बेहतर इलाज को देखते हुए 42 प्रभारी नर्सों में से आठ का एक विभाग से दूसरे विभाग और अन्य जगहों पर ट्रांसफर किया है. इनमें चार नर्सों ने अपना चार्ज दूसरी नर्सों को सौंप दिया, लेकिन चार नर्स ने अस्पताल प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर दिया.
पीएमसीएच की हेड परिचारिका प्रमिला कुमारी ने बताया कि अधीक्षक काफी मनमानी करते हैं और मनमाने ढंग से ड्यूटी बांटते हैं. हेड परिचारिका से चार्ज छीन कर हेल्थ मैनेजर को परिचारिकाओं की ड्यूटी लगाने का जिम्मा सौंप दिया गया है. मनमानी ढंग से ड्यूटी लगायी जा रही है. पहले तीन महीने पर नर्सों का नाइट शिफ्ट आता था, लेकिन अब एक महीने पर नाइट शिफ्ट आ जा रहा है. वहीं, बीतिका विश्वास ने कहा कि वार्ड इंचार्ज सीनियर नर्स बनती हैं और सीनियर नर्स से चार्ज जबरन छीनकर जूनियर को दिया जा रहा है. इसको लेकर महिला आयोग में 70 से अधिक नर्सों ने शिकायत की हुई है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. हमारी मांग है कि हाल के दिनों में नर्सेज को लेकर जो तमाम गलत निर्देश जारी किये गये हैं, उन्हें रद्द किया जाये और स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करे. अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो पीएमसीएच में नर्स कार्य बहिष्कार करेंगी.
Also Read: दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए 36 एकड़ रैयती भूमि का भी होगा अधिग्रहण, कई सुविधाएं होंगी विकसित
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि कई बार निरीक्षण के दौरान कुछ नर्सों में ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरती गयी. जिन्हें बार-बार स्पष्टीकरण दिया गया, बावजूद उनकी लापरवाही कम नहीं हुई. इसको देखते हुए उनका तबादला कर जो काम करने वाली नर्स थीं, उनको चार्ज दिया गया. चार नर्स, जो इसका विरोध व सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही हैं, उनके बारे में लिखित जानकारी स्वास्थ्य विभाग को पहले ही दी जा चुकी है.