पटना एम्स के नोडल कोरोना अफसर डॉ संजीव कुमार ने कहा कि 24 से 26 जनवरी के बीच बिहार में कोरोना पीक पर होगा. उस दौरान एक दिन में 18 से 20 हजार नये केस आने की आशंका है. उन्होंने बताया कि इस बार राज्य का आर वैल्यू 4 के ऊपर है यानी यहां कोरोना विस्फोट होना तय है. उन्होंने कहा कि लोग काफी हद तक घर में इलाज कर ले रहे हैं, लेकिन यह समझ लेना कि लक्षण गंभीर नहीं होंगे या परेशानी नहीं बढ़ेगी, गलत है. एम्स में अब तक 60 से अधिक मरीज भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से पांच की मौत भी हो चुकी है.
पूर्व मध्य रेल ने रेलकर्मियों को कोविड–19 से बचाव व आपात स्थिति में चिकित्सा के लिए कई कदम उठाये गये हैं. सभी छह रेलवे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए कुल 228 बेड सुरक्षित रखा गया है. इनमें से आइसीयू के 34 बेड व नन आइसीयू के 194 बेड आरक्षित हैं. अस्पतालों में वेंटिलेटर का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा इन अस्पतालों में इलाज के लिए जरूरी मेडिसिन, ऑक्सीजन कंसेंटेटर, पीपीई किट, मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. बच्चों के इलाज हेतु सभी जरूरी उपाय किये गये हैं. रेलकर्मियों के 15-18 आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण पर ध्यान दिया जा रहा है.
दानापुर, सोनपुर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, सोनपुर व समस्तीपुर रेल अस्पतालों के अलावा केंद्रीय सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल पटना में 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है. ताकि किसी भी परिस्थिति में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित बनी रहे. रेलवे अस्पतालों में चिकित्सक, नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ चौबीसों घंटे तैनात हैं.पूमरे में 80 हजार रेलकर्मियों में 78 हजार को टीके के दोनों डोज लगाये गये हैं.
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