पटना . पटना जिले में बच्चे वायरल फीवर का सिलसिला जारी है. इसी संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है. बच्चों को सर्दी-खांसी, बुखार से लेकर निमोनिया हो रहा है. साथ ही चमकी की बीमारी के भी लक्षण मिल रहे हैं. ऐसे बच्चों की संख्या अस्पताल में बढ़ गयी है.
शहर के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निमोनिया से एक बच्चे की मौत हो गयी. एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है. इसके साथ ही शहर के पीएमसीएच में एक, आइजीआइएमएस में एक और एनएमसीएच में तीन 24 घंटे के अंदर कुल पांच निमोनिया पीड़ित बच्चों को भर्ती किया गया है.
वहीं शहर के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु वार्ड और एनआइसीयू में बेड फुल है. दूसरी ओर निजी क्लीनिकों में वायरल से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं, लगातार बच्चों के पीड़ित होने से इनके माता-पिता परेशान हैं. शहर के चारों ओपीडी में रोजाना करीब 400 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आकर पहुंच रहे हैं. डॉक्टर के मुताबिक इसका सीधा संबंध मौसम में आ रहे बदलाव से है.
बच्चों के वायरल बुखार में कोरोना जैसे लक्षण दिख रहे हैं, लेकिन जब उनकी कोविड जांच की जा रही है तो रिपोर्ट निगेटिव आ रहा है. इस कारण इसकी पुष्टि नहीं हो रही है. बच्चों को दी जाने वाली कुछ दवाइयां का डोज कोरोना वाला ही है. आइजीआइसी अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल ने कहा कि मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है.
कभी तेज धूप से गर्मी तो कभी बारिश की वजह से वातावरण में नमी रहती है. इस मौसम में आरएसवी वायरस बढ़ जाता है, जिससे वायरल संक्रमण से बच्चे पीड़ित होने लगे हैं. हालांकि, बच्चे स्वस्थ भी हो रहे हैं और एक सप्ताह में इलाज के बाद डिस्चार्ज भी हो जाते हैं.
शहर के आइजीआइएमएस अस्पताल में 34 दिन बाद कोरोना पोजेटिव मरीज को भर्ती किया गया है. रविवार को संस्थान में डिलिवरी कराने पहुंची एक महिला कोरोना संक्रमित पायी गयी. जांच रिपोर्ट आते ही अधिकारी सचेत हो गये. 29 वर्षीय रूपम कुमारी नाम की महिला शहर के दीघा इलाके की रहने वाली है.
रविवार की सुबह वह अपने पति अविनाश कुमार के साथ आइजीआइएमएस के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में पहुंची थी. भर्ती से पहले डॉक्टरों ने महिला का एंटीजन टेस्ट कराया. इसमें वह पॉजिटिव आयी. पॉजिटिव आते ही उसे कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है.
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि रूपम कुमारी से पहले 15 अगस्त को आइजीआइएमएस में कोरोना का केस मिला था. हालांकि एक सप्ताह बाद मरीज ठीक होकर अपने घर चला गया था. उन्होंने बताया कि प्रसूता को छोड़ आइजीआइएमएस में कोरोना का एक भी मरीज भर्ती नहीं है.
Posted by Ashish Jha