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बिहार में एक करोड़ से ज्यादा किसान, लेकिन सिर्फ 9 फीसदी के पास केसीसी, जानें कैसे करें आवेदन

बिहार में केसीसी को लेकर क्या आलम है इसका विश्लेषण राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक डॉ सुनील कुमार ने किया है. डॉ कुमार के अनुसार राज्य के केवल नौ प्रतिशत किसानों के पास ही केसीसी है, जबकि किसानों की संख्या एक करोड़ से अधिक है.

बिहार में चौथा कृषि रोड मैप एक अप्रैल, 2023 से चल रहा है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और जलवायु अनुकूल कृषि को लेकर कई योजनाएं चला रही है. सरकार की योजनाएं तभी सफल होंगी जब बैंक किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार ऋण दें. किसानों को ऋण उपलब्ध करवाने का सबसे सस्ता और सुगम माध्यम किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) है, लेकिन बैंकों के नकारात्मक रवैये के कारण नये किसानों को केसीसी नहीं मिल रहा है. बिहार में केसीसी को लेकर क्या आलम है इसका विश्लेषण राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक डॉ सुनील कुमार ने किया है. डॉ कुमार के अनुसार राज्य के केवल नौ प्रतिशत किसानों के पास ही केसीसी है, जबकि किसानों की संख्या एक करोड़ से अधिक है.

प्रथम तिमाही में 3.38 लाख केसीसी धारक को ही दिया गया लोन

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम तिमाही में केसीसी धारक 3.38 लाख लाभुकों को ही ऋण उपलब्ध कराया गया है, जबकि इस अवधि में 6.15 लाख केसीसी धारकों को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित था. इसमें से 49385 नये केसीसी धारक और 2.88 लाख पुराने केसीसी धारकों को ऋण दिया गया. कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने केसीसी के मुद्दे को एलएलबीसी की बैठक में उठाया था.

4029 करोड़ रुपये के दिये गये हैं लोन

एसएलबीसी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 के प्रथम तिमाही में जून, 2023 तक कुल 4029 करोड़ रुपये के ऋण दिये गये हैं. इनमें अधिकतर ऋण खेती-किसानी को लेकर दिये गये हैं, जबकि फिशरीज, डेयरी व अन्य संबंद्ध क्षेत्रों में ऋण सुविधा केसीसी के माध्यम से बहुत ही कम दी गयी है.इसको लेकर पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने सरकार और बैंक के आलाधिकारियों को पत्र लिखा है.

आखिर बैंक क्यों नहीं दे रहे हैं केसीसी ऋण

राज्य में 38. 81लाख केसीसी धारक है, जिन्हें अब तक कुल 25692 करोड़ ऋण के रूप में विभिन्न बैंकों द्वारा दिये गये हैं.इनमें से 15.61 लाख केसीसी धारकों के पास बैंकों का कुल 11136 करोड़ नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) हो गया है. यानी कुल ऋण का करीब 43.34 प्रतिशत एनपीए है. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने ऋण वसूली में मदद का बैंकों को भरोसा दिया है.

बिहार केसीसी ऋण योजना के तहत कितना मिलता है लाभ

देश की अर्थव्यवस्था में किसान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्हें कई बार अपनी कृषि जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्याज पर कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है. इससे किसानों की लागत बढ़ जाती है. इसलिए किसान की परेशानियों को देखते हुए सरकार की ओर से केसीसी योजना की शुरूआत की गई थी. इसका मकसद किसानों को सस्ती दरों पर कर्ज देना था. बिहार केसीसी ऋण योजना का तहत राज्य सरकार किसानों को 1,60,000 रूपये तक का लोन देती है. इस लोन पर ब्याज दर काफी कम होता है.

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बिहार केसीसी ऋण योजना 2023 के लिए योग्यता

  • बिहार सरकार द्वारा शुरू किये गए इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक का बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए.

  • आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा 75 वर्ष होनी चाहिए

  • लाभार्थी के पास खुद की खेती योग्य भूमि होनी चाहिए

  • किराये पर खेत लेकर खेती करने वाले किसानो को भी लाभ दिया जाता है

  • कृषि से जुड़े अन्य काम जैसे पशु पालन, मछली पालन या डेयरी का काम करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं

कैसे करें आवेदन

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं

  • इसके लिए किसानों को वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड कर उसका प्रिंट आउट निकालना होगा

  • एप्लीकेशन फॉर्म आपको ऑफिसियल वेबसाइट के फार्मर्स कॉर्नर सेक्शन से मिलेगा

  • इसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी को सही सही भरना होगा

  • सभी जानकारी को भरने के बाद आपको मांगे गए सभी दस्तावेज की छायाप्रति लगाकर इसे बैंक में जमा करना होगा

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