पटना एम्स में 19 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होगी. इस कार्यक्रम को लेकर गुरुवार को पटना एम्स में ओपीडी नहीं चलेगा. इस वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में इस दिन पहले से शेड्यूल किए गए ऑपरेशन भी नहीं हो पाएंगे. हालांकि विशेष परिस्थिति में गंभीर रूप घायल मरीजों के इलाज के लिए इमरजेंसी, ट्रॉमा, आईसीयू चालू रहेंगे.
एम्स के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 18 से 20 अक्टूबर की शाम तक बिहार के दौरे पर हैं. गुरुवार को वो एम्स पटना के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी. वे एम्स पटना में 5:45 से 6:35 बजे तक बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहेंगी. इस दौरान वो एम्स के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को डिग्रियां बाटेंगी. इस दीक्षांत समारोह के लिए एमबीबीएस, एमडी, एमएस और नर्सिंग सहित अन्य कोर्स के 243 छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमे से सबसे अधिक 117 छात्र केवल एमबीबीएस कोर्स के हैं.
इस वजह से बंद रहेगी ओपीडी
एम्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गोपाल कृष्ण पाल ने बताया है कि दीक्षांत समारोह में अस्पताल के अधिकांश डॉक्टर और स्टूडेंट्स हिस्सा ले रहे हैं. इस कारण से मरीजों को सीधे तौर पर देखने के लिए जूनियर और सीनियर डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहेंगे. इस कारण से 19 अक्टूबर को पूरे दिन पटना एम्स प्रशासन की सभी तरह की ओपीडी सेवा बंद रहेंगी. सिर्फ चुनिंदा सेवाएं ही उपलब्ध होंगी. ऐसे में आम लोग रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल न पहुंचे.
दीक्षांत समारोह में ये होंगे शामिल
पटना एम्स के इस दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार की शिरकत करेंगी. दीक्षांत समारोह का यह कार्यक्रम रात के आठ बजे तक चलेगा.
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राष्ट्रपति ने लॉन्च किया कृषि रोड मैप
इधर बुधवार को अपने बिहार दौरे के पहले दिन राष्ट्रपति ने पटना के बापू सभागार में बिहार के चौथे कृषि रोड मैप को लॉन्च किया. जिसके बाद राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि बिहार की लोक-संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. बटोहिया और बिदेसिया से लेकर कटनी और रोपनी गीतों तक की बिहार की लोक-संस्कृति और साहित्य की यात्रा ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनायी है. मैंने सूरीनाम की अपनी यात्रा के दौरान वहां पर पुरातन बिहार की झलक देखी. विशाल भौगोलिक दूरी और अलग-अलग टाइम जोन में होने के बावजूद बिहार से गये लोगों ने जहां एक ओर अपनी संस्कृति और परंपरा को संजोये रखा है. वहीं, दूसरी ओर स्थानीयता में भी रच-बस गये हैं.
मानव निर्मित संकीर्णता से बाहर निकलना होगा
बिहार भगवान बुद्ध और अशोक की धरती है. उन्होंने संपूर्ण मानवता को शांति और सद्भाव का पाठ पढ़ाया है. यहां की पावन धरती के वासी होने के नाते यह अपेक्षा की जाती है कि आप एक ऐसे समाज का आदर्श प्रस्तुत करें जिसमें द्वेष और कलह की कोई गुंजाइश न हो. विकसित भारत के सपने को पूरा करने में इस प्रदेश का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. लेकिन, इस सपने को सच्चाई में बदलने के लिए हमें मानव-निर्मित संकीर्णताओं से बाहर निकलना होगा. बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए समेकित विकास के अलावा कोई विकल्प नहीं है. राज्य के नीति-निर्माताओं और जनता को बिहार की प्रगति के लिए एक रोड मैप निर्धारित करना होगा और उस पर चलना होगा. यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि कृषि रोड मैप का क्रियान्वयन किया जा रहा है. मुझे और अधिक खुशी होगी जब बिहार विकास के हर मानक पर मैप बनाकर लगातार प्रगति के पथ पर बढ़ता दिखाई दे. चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, प्रति व्यक्ति आय हो या सबसे बढ़कर हैप्पीनेस इंडेक्स हो.
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री जाएंगी नालंदा
केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार एम्स के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के अलावा अपने बिहार प्रवास के दौरान बुधवार को नालंदा जिला के दीपनगर ब्लॉक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लाभार्थियों के बीच प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड का वितरण करेंगी.बाद में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री नालंदा जायेंगी और नालंदा खंडहरों का भ्रमण करेंगी. केन्द्रीय मंत्री बुधवार को ही पटना वापस लौट जायेंगी और रात्रि विश्राम करेंगी. उनके निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार डा भारती प्रवीण पवार गुरुवार को एम्स पटना और एमडी, एनएचएम, बिहार के साथ समीक्षा बैठक करेंगी. गुरुवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री रात्रि सेवा विमान से मुंबई के लिए रवाना होंगी.