बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी पटना समेत लगभग 15 जिले संक्रमण की चपेट में पूरी तरह से आ चुके हैं. एक तरफ जहां कई जिलों में सरकारी और प्राइवेट कोविड अस्पतालों की बेडें फुल हो चुकी है वहीं अब ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी ने दूसरी समस्या को पैदा कर दिया है. कोरोना के दोबारा आए इस लहर में सबसे बड़ी समस्या मरीज के ऑक्सीजन लेवल में तेजी से कमी आ जाना है. जिसके बाद सांस की समस्या बढ़ती है और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरुरत होती है. इस बीच राजधानी पटना समेत कई जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत महसूस की गई जिससे मरीजों में दशहत फैल गया. सरकार ने मामले की गंभीरता देखते हुए अब कई ठोस फैसले लिए हैं ताकि इलाज के दौरान ऐसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े.
कोरोना के दोबारा फैल चुके संक्रमण के दौरान लोग अस्पतालों में बेड मिल जाने के लिए लंबी कतारों में लगे हैं. वहीं जिन मरीजों की हालत अभी अस्पताल जाने लायक नहीं हुइ है वो सांस की समस्या महसूस करने पर ऑक्सीजन की खोज में भटकते दिख रहे हैं. पिछले दिनों हालात कुछ ऐसे बने कि पटना के प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने लगा. जिसके बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देख ताबड़तोड़ फैसले लिये और पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर मुहैया कराने पर ध्यान दिया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई करने पर रोक लगा दी गई है. अब 90 फीसदी ऑक्सीजन केवल अस्पतालों के लिए ही उपलब्ध होंगे. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने यह निर्देश गुरुवार की बैठक में दिया है. वहीं प्रदेश के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देने के लिए स्वास्थ्य और उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बैठक की.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि केंद्र से भी ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति को लेकर आग्रह किया गया है. वहीं राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि कई अस्पतालों के साथ इस मुद्दे को लेकर बैठक की गई है. ऑक्सीजन की उपलब्धता में कमी नहीं हो, इसके मॉनेटरिंग के लिए विभाग के स्तर पर एक टीम भी गठित की जा रही है.जानकारी के अनुसार, अब रोजाना सिलेंडर की आपूर्ती में भी बढ़ोतरी की जायेगी. बिहार के जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत होने तथा Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted By: Thakur Shaktilochan