पटना में घूमने या सुकून के कुछ पल बिताने के लिए वैसे तो कई जगह हैं. लेकिन आज हम आपको पटना के छह ऐसे पार्कों के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां आप अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच राहत के कुछ पल बिताने के लिए जा सकते हैं. इन पार्कों में आपको ग्रीनरी और स्वच्छ हवा के साथ ही कुछ एक्टिविटी करने का भी मौका मिलेगा.
पटना रेलवे स्टेशन के नजदीक फ्रेजर रोड पर 22 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले बुद्ध स्मृति पार्क को भगवान बुद्ध के 2554वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में बिहार सरकार द्वारा विकसित किया गया था. इस पार्क का मुख्य आकर्षण दलाई लामा द्वारा लगाए गए दो बोधि वृक्ष हैं, जिनके बगल में भगवान बुद्ध की एक मूर्ति है. बुद्ध मेमोरियल पार्क के रूप में भी इसे जाना जाता है. भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को उजागर करने के उद्देश्य से इस पार्क में पाटलिपुत्र करुणा स्तूप, एक ध्यान केंद्र, बौद्ध धर्म पर कई पुस्तकों वाला एक पुस्तकालय एवं एक संग्रहालय सहित कई अन्य चीजें भी मौजूद है.
यहां बना पाटलिपुत्र करुणा स्तूप इसकी प्रमुख विशेषता है. इसकी ऊंचाई 200 फिट है और इस गोल आकार में बनाया गया है. इसमें कई प्रवेश द्वार हैं और कांच के घेरे में भगवान बुद्ध का एक अवशेष है, जो वैशाली से खोदे गए आठ मूल अवशेषों में से एक है. परम पावन दलाई लामा और थाईलैंड, म्यांमार, जापान, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका के कई भिक्षुओं द्वारा लाए गए कई अन्य अवशेष भी अलग-अलग ताबूतों में रखे गए हैं.
पटना शहर के मध्य में स्थित कुम्हरार पार्क शहर के सबसे प्राचीन स्थलों में से एक है. पटना के आसपास की खुदाई में प्राचीन शहर पाटलिपुत्र के अवशेष मिले हैं और इसकी सबसे महत्वपूर्ण खोज कुम्हरार में थी, जहां एक लकड़ी के मंच के साथ 80 स्तंभों वाला हॉल और एक मठ-सह-अस्पताल की खोज की गई थी. हालांकि शुरुआत में यह माना जाता था कि यह हॉल शाही दरबार है, बाद में पुरातात्विक खोजों से पता चला कि यह अशोक के समय में बौद्धों के लिए बनाया गया एक सभा हॉल था. पार्क में मठ-सह-अस्पताल, जिसे आरोग्य विहार के नाम से जाना जाता है, चौथी-पांचवीं शताब्दी ईस्वी पूर्व का है. स्थल पर एक छोटा बर्तन भी मिला था जिस पर ‘धार्वन्तरेह’ लिखा हुआ था.
पटना के प्रमुख पार्कों में से एक है इको पार्क. इस बड़े और हरे भरे पार्क को राजधानी वाटिका के नाम से भी जाना जाता है. भागदौड़ वाली ज़िंदगी के बीच कुछ सुकून के पल बिताने के लिए यह पार्क रक बेहतरीन जगह है. यहां 3000 से अधिक प्रकार की वनस्पतियां, बच्चों का पार्क, नौकायन की सवारी, जॉगिंग और साइकिल चलाने के लिए रास्ते, फूड कोर्ट, थीम पर आधारित प्राकृतिक सजावट और कभी-कभी मूर्तियों का प्रदर्शन होता है. व्यस्त शहर के बीच, यह एक ऐसी जगह है जहां हवा ताज़ा महसूस होती है और हरियाली कुछ देर के लिए आंखों को सुकून देती है.
पटना के गांधी मैदान के पास स्थित शहीद पीर अली खान पार्क स्वतंत्रता सेनानी पीर अली खान को समर्पित है. यह पार्क बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि यहां एक से एक खेलने की चीजें और कई तरह के झूले लगाए गए हैं. पटना के इस पार्क में विशेष रूप से छुट्टियों के दिन भीड़ देखने को मिलती है. बता दें कि शहिद पीर अली को अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी.
शहीद वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क जिसे लोग हार्डिंग पार्क के नाम से भी जानते हैं. पटना में इस पार्क का निर्माण वर्ष 1916 में हुआ था और यह देश के सबसे पुराने पार्कों में से एक है, जिसे ब्रिटिश वायसराय चार्ल्स हार्डिंग ने बनवाया था. जिसके बाद इसका नाम हार्डिंग पार्क रखा गया था. इस पार्क को बिहार के निर्माण के दौरान ब्रिटिश वायसराय चार्ल्स हार्डिंग के सम्मान में बनाया गया था. आज़ादी के बाद इसका नाम बदलकर शहीद वीर कुंवर सिंह आज़ादी पार्क कर दिया गया.
पटना में राजबंशी नगर में स्थित एनर्जी पार्क (ऊर्जा पार्क) बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी खास आकर्षण है. यहां मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर पार्क तक हर जगह मनोरम दृश्य है. रास्ते के दोनों ओर चंपा का पौधा और शाम के समय झरने की रंग-बिरंगी रोशनी देखने लायक होती है. 11 एकड़ जमीन पर 10 करोड़ की लागत से बने इस पार्क के ढाई एकड़ क्षेत्र में एक स्टेडियम भी बनाया गया है. यहां क्रिकेट, फुटबॉल के अलावा बोटिंग, वॉटर स्पोर्ट्स से जुड़े कई रोमांचक खेल भी उपलब्ध है. एनर्जी पार्क की हरियाली मन को मोह लेने वाली है, छोटी सी झील का किनारा गर्मियों में बहुत सुकून देता है. पार्क का फव्वारा इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है, जो भी दर्शक यहां आता है, बड़े मजे से जाता है. फव्वारे पर तस्वीरें लेने और सेल्फी लेने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है.