छठ महापर्व पर लोगों को पटना पहुंचने या फिर पटना से किसी अन्य जिला जाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. ट्रेन में जगह नहीं होने के कारण प्रवासी मजदूर बस पर सवार होकर आ रहे हैं. सैकड़ों के संख्या में देश के दूसरे शहरों से पटना आ रहे प्रवासी मजदूरों को बस में भी जगह नहीं मिल रही. मजदूरों को या तो बसों की छत पर या फिर दोगुना किराया दे कर आना पर रहा है.
दूसरे राज्य से बिहार आने में तो लोगों को मुश्किलों का सामना करना ही पर रहा है. लेकिन पटना से बिहार के अन्य जिलों में जाने के लिए भी बसों में जगह नहीं मिल रही है. छठ पर्व पर आने वाले की भीड़ को लेकर बस संचालक यात्रियों से मनमानी कर रहे हैं. कई जिलों के लिए तो पटना से बस भी उपलब्ध नहीं है. अगर बस मिल भी रही है तो यात्रियों से पूरा किराया लिया जा रहा और फिर बस में बेंच पर बैठा कर उन्हें भेजा जा रहा है.
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पटना के बैरिया बस स्टैंड पर यात्रियों के पहुंचने पर बस में सीट देने की बात कह कर यात्रियों को बैठा लिया जाता है. लंबी दूरी की बसें रात में खुलती हैं. बस में खाली सीट देख कर बाहर से आने वाले उनके झांसे में आकर बैठ जाते हैं. उससे पूरा किराया ले लिया जाता है. रात में बस में पहले से बुकिंग करा चुके यात्रियों के पहुंचने पर दिन में बैठे यात्रियों को उठा दिया जाता है. बाद में उन्हें बेंच पर बैठा कर भेजा जाता है. यात्रियों के बीच बहस होना आम बात है. जिला प्रशासन की ओर से कोई देखने वाला नहीं है. छठ पर जाने की जल्दी बाजी में यात्री मन मसोस कर रह जाते हैं.