15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में मरीजों को सरकारी से ज्यादा भा रहे प्राइवेट अस्पताल,40 हजार लोगों ने गोल्डेन कार्ड से कराया इलाज

पटना जिले में पांच लाख 55 हजार 543 परिवारों के 29 लाख 90 हजार 294 गरीब कार्ड के लिए सूचीबद्ध हैं. इनमें से अब तक तीन लाख 39 हजार 965 परिवारों का ही कार्ड बनाया जा सका है.

आनंद तिवारी

पटना. आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में चिह्नित लोगों में से करीब 35 प्रतिशत का आयुष्मान गोल्डेन कार्ड बन चुका है. वहीं, जिन लोगों का कार्ड बन चुका है, उनमें 50 प्रतिशत से अधिक लोग इससे फ्री में इलाज करा चुके हैं. खास बात तो यह है कि योजना का लाभ लेने वालों को सरकारी अस्पतालों के बजाय प्राइवेट अस्पताल ज्यादा पसंद आ रहे हैं. दो महीने बाद यानी फरवरी महीने में इस योजना को शुरू हुए पांच साल पूरे हो जायेंगे. इतने साल में जिले में करीब 40 हजार मरीजों ने प्राइवेट हाॅस्पिटल, जबकि लगभग 20 हजार से अधिक ने सरकारी अस्पतालों में इलाज कराया है.

प्राइवेट में महावीर व सरकारी में आइजीआइएमएस नंबर 1 पर

आंकड़ों के अनुसार शहर के प्राइवेट अस्पतालों में महावीर कैंसर संस्थान और सरकारी में आइजीआइएमएस ने सबसे अधिक रोगियों को इस योजना का लाभ दिया है. पांच लाख तक के नि:शुल्क इलाज का लाभ लेने वालों में नेत्र के रोगियों की संख्या सबसे अधिक है. वहीं, दूसरे नंबर पर कैंसर पीड़ित हैं. तीसरे स्थान पर हार्ट और चौथे स्थान पर किडनी रोगी हैं. इसके बाद मुंह और चेहरे से जुड़ी सर्जरी, सामान्य सर्जरी, स्त्री रोग का इलाज कराया गया है. इसमें सिर में चोटों के इलाज से जुड़ी सर्जरी भी एक बड़ा हिस्सा है. इससे यह पता चलता है कि इस योजना के तहत दुर्घटना के मामलों के भी ज्यादा क्लेम सामने आये हैं.

जिले में 3.40 लाख लोगों का बन गया है कार्ड

पटना जिले में पांच लाख 55 हजार 543 परिवारों के 29 लाख 90 हजार 294 गरीब कार्ड के लिए सूचीबद्ध हैं. इनमें से अब तक तीन लाख 39 हजार 965 परिवारों का ही कार्ड बनाया जा सका है. इससे अब तक करीब 60 हजार से अधिक लोग मुफ्त इलाज करा चुके हैं. एम्स पटना के अलावा अब तक किसी ने रोगियों पर खर्च का अद्यतन आंकड़ा नहीं दिया है. एम्स पटना में करीब सात हजार मरीज करीब 15 करोड़ रुपये का फ्री में इलाज करा चुके हैं.

14555 पर फोन कर पाएं हर जानकारी

पटना जिला कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी बबीता कुमारी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड जिलावासियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. सूचीबद्ध लोगों को कार्ड बनाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. अब तो राशनकार्ड को भी इससे जोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जिले में समय-समय पर मेगा पखवारा आयोजित किया जाता है. आम लोग टोल फ्री नंबर 14555 पर फोन कर आयुष्यमान कार्ड बनवाने की अर्हता समेत अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं. जीविका दीदियों, मुखिया, पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधियों से भी इसमें सहयोग लिया जा सकता है. कामन सर्विस सेंटर (वसुधा केंद्र) और यूटीआइ केंद्र से भी लोग जानकारी प्राप्त कर कार्ड बनवा सकते हैं.

Also Read: औरंगाबाद में 96 स्वास्थ्य केंद्रों का होगा कायाकल्प, विभाग ने जिले के विधायकों से अनुशंसा करने की मांग की
आयुष्मान कार्ड बनवाने में न करें लापरवाही

सिविल सर्जन डॉ केके राय ने कहा कि आयुष्मान योजना के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है. सरकारी के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी अधिक आयुष्मान कार्डधारियों का इलाज हो रहा है. हालांकि जानकारी के अभाव और काफी हद तक उदासीनता के कारण कुछ चिह्नित लोग आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा रहे हैं. पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की अर्हता होने के बावजूद कार्ड नहीं होने से गंभीर बीमारी से पीड़ित गरीब लोग समुचित इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें