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पटना पुस्तक मेला बनता जा रहा साहित्य और संस्कृति का संगम, युवाओं को अपनी कविताएं कहने का भी मिल रहा मंच

पटना पुस्तक मेले में मंगलवार को लेखिका डॉ ममता मेहरोत्रा की पुस्तक गीता प्रश्नोत्तरी का विमोचन बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने किया. मेले में शब्द साक्षी कार्यक्रम के अंतर्गत "नयी शिक्षा निति" विषय पर मनीष वर्मा, कुमार चंद्रदीप और डॉ. अनिल कुमार रॉय ने अपने विचार व्यक्त किए.

पटना पुस्तक मेला इन दिनों किताबों की दुनिया सजाये हुआ है. मेले में जहां एक ओर किताबों के स्टॉल पर जमकर खरीदारी हो रही है वहीं दूसरी ओर नुक्कड़ नाटक हो या साहित्यिक परिचर्चा सभी को देखने और सुनने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है. मेले में हर दिन साहित्य और संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है. यहां साहित्य में जहां देशी और विदेशी लेखकों की हजारों किताबें मौजूद हैं.

वहीं ज्ञान-विज्ञान की विभिन्न धाराओं, समसामियक मुद्दों, धर्म और अध्यात्म से जुड़ी किताबें, सामाजिक मुद्दों पर प्रसिद्ध लेखकों की किताबें पाठकों को लुभा रही हैं. मेले में युवाओं की पसंद में भी भिन्नताएं देखी जा रही हैं. एक ओर जहां प्रेमचंद पढ़े जा रहे हैं तो दूसरी ओर पटना के युवा लेखक अंशुमान की किराये की गर्लफ्रेंड और सैदपुर से बेऊर जैसी किताबें भी पसंद की जा रही हैं. मेले में आने वाले युवाओं को अपनी कविताएं कहने का भी मंच मिल रहा है.

गीता प्रश्नोत्तरी से समाज का मार्गदर्शन होगा : देवेश चंद्र ठाकुर

पटना पुस्तक मेले में मंगलवार को लेखिका डॉ ममता मेहरोत्रा की पुस्तक गीता प्रश्नोत्तरी का विमोचन बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने किया. विमोचन समारोह में उद्योग विभाग के विशेष सचिव और साहित्यकार दिलीप कुमार, गजलकार समीर परिमल, सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सिंह ने भी पुस्तक को लेकर अपने विचार व्यक्त किये.

सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि यह पुस्तक समाज को मार्गदर्शन देने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि ममता मेहरोत्रा की लेखनी ने लंबा सफर तय किया है. उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा शुरुआत करते हुए सबसे पहले अनुभव आधारित पुस्तकें लिखीं और फिर कथा,नाटक, शैक्षणिक पुस्तकें आदि लिखने के बाद अब गीता पर यह पुस्तक लिखी है जो युवाओं के लिए तो उपयोगी हैं ही, यह सब के लिए उपयोगी है. इस पुस्तक से हमें पता चलता है कि गीता का सार क्या है.

उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों को ऑटोनोमस बनाना है नयी शिक्षा निति का मकसद

मेले में शब्द साक्षी कार्यक्रम के अंतर्गत “नयी शिक्षा निति” विषय पर मनीष वर्मा, कुमार चंद्रदीप और डॉ. अनिल कुमार रॉय ने अपने विचार व्यक्त किए. मनीष वर्मा जो एक लेखक हैं ने कहा कि मनुष्य में अंतर्निहित योजना ही शिक्षा है. इन्होंने 5 3 3 4 योजना का वर्णन किया , साथ ही उन्होंने कहा कि बदलाव हमेशा अच्छा होता है, इसलिए हमें इस नीति को अपनाना चाहिए. दूसरे वक्ता कुमार चंद्रदीप जो कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रोफेसर हैं, ने बताया कि 2023-24 के पाठ्यक्रम से नयी शिक्षा नीति लागू की जायेगी. मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्ज़िट और 15 साल के अंदर सभी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों को ऑटोनोमस बनाना इस नीति का मुख्य उद्देश्य बताया.

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पुस्तक डिजिटल इंडिया पर हुई चर्चा

पटना पुस्तक मेले में मंगलवार को नालंदा सभागार में तीन बजे डीडी न्यूज के सहायक निदेशक अजय कुमार की पुस्तक डिजिटल इंडिया पर एक चर्चा का आयोजन किया गया. इस चर्चा में जगजीवन राम राजनीतिक शोध संस्थान के निदेशक डॉ नरेंद्र पाठक ने कहा कि आज हमारा देश तेजी से डिजिटल होता जा रहा है. इस बदलाव का हमें स्वागत करना चाहिए. डिजिटल इंडिया से हम सब की जिंदगी आसान हुई है. डीडी न्यूज के उप निदेशक सलमान हैदर ने कहा कि इस पुस्तक में कैशलेस सोसाइटी, खुदरा बाजार के नये स्वरूप, सूचना संचार, साइबर क्राइम जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी गयी है. इस दौरान पाखी पत्रिका के संपादक पंकज कुमार और लेखक दानिश ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

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