आंखों के सामने अपनों को मरते देखना कितना दर्दनाक होता है. ऐसा ही कुछ शनिवार को आइजीआइएमएस में देखने को मिला, जब बेटे के हाथ में ही पिता ने अपना दम तोड़ दिया. जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर से कोरोना से संक्रमित होने के बाद अपने पिता को लेकर आइजीआइएमएस पहुंची. मां भी साथ में थी. पत्नी अपने पति की जान बचाने की गुहार लगा रही थी और डॉक्टर कह रहे थे बेड खाली नहीं हम क्या करें. बेटा भी बेड के लिए काफी प्रयास किया पर चारों तरफ से उसे निराशा ही हाथ लगी.
किसी अपने को खोने के बाद जो दर्द होता है, वह साफ तौर पर मां-बेटे की आंखों में दिख रहा था. दोनों को रोता देख वहां मौजूद अन्य लोगों के आंखों में भी आंसू आ गये. थोड़ी देर बाद बेटा उठकर अपने परिजनों को फोन कर सूचना देने लगा कि पापा अब नहीं रहे. वह हम लोगों को छोड़ कर चले गये. यह कहते-कहते वह मां को गले लगाकर रोने लगा.
घंटों इंतजार के बाद भी जब बेड नहीं मिला तो बेटे ने दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए पिता को गाड़ी में बैठाने लगे. इधर, मरीज की सांस थम रही थी. किसी तरह बेटा अपने पिता को कार में बैठा कर गेट पर लाया ही था. लेकिन हालत पूरी तरह खराब हो गयी. उसने फिर कार घुमाया और कोविड वार्ड के पास लेकर चला आया जैसे ही उसने अपने पिता को कार से निकाल अपने हाथ में लिया कि पिता ने दम तोड़ दिया.
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वहीं, मौके पर डॉक्टर ने भी कह दिया कि मरीज नहीं रहे. यह सुन बेटा पिता को स्ट्रेचर पर रख चुपचाप जमीन पर बैठ गया. मां रोते-रोते बेहोश होकर गिर गयी. दोनों को कुछ नहीं पता चल पा रहा था कि आखिर यह कैसे हुआ? बस रोते हुए बेटा अपनी मां से कह रहा था कि पापा को बचाने लाये थे पटना लेकिन वह तो मर गये मां.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan