पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार को लोक शिकायत संबंधित परिवाद की सुनवाई की. इस दौरान गड़बड़ी व काम में सुस्ती करने वाले दानापुर के सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत काम करने वाले एक ग्रामीण आवास सहायक की संविदा भी रद्द की गयी.
समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में डीएम ने शुक्रवार को कुल नौ मामले की सुनवाई कर मामले का निबटारा किया. विदित हो कि कोरोना के कारण पूर्व में 151 मामले लंबित थे. इस पर जिलाधिकारी ने नियमित सुनवाई कर कुल 120 मामलों का निबटारा कर दिया है. अब कोरोना काल की समाप्ति के बाद मात्र 31 मामले बचे हैं. जिलाधिकारी ने लोक प्राधिकार को पूरी संवेदनशीलता व जवाबदेही के साथ परिवादी के परिवाद के प्रति गंभीर होने और नियमित सुनवाई कर परिवाद का वास्तविक निवारण करने का सख्त निर्देश दिये हैं.
बिहटा प्रखंड के बेला पंचायत के परिवादी द्वारा द्वितीय अपील के तहत प्राप्त परिवाद की सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी ने दानापुर के सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर 5000 का जुर्माना लगाया गया और अनुमंडल पदाधिकारी दानापुर को संपूर्ण मामले की जांच कर स्पष्ट प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया. गौरतलब है कि दानापुर के सुनवाई में उपस्थित सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी दानापुर को तथ्य की जानकारी नहीं रहने तथा सुनवाई में वस्तुस्थिति की सही स्थिति प्रस्तुत नहीं करने के कारण कार्रवाई की गयी. एसडीओ को आपूर्ति पदाधिकारी के वेतन राशि की कटौती का साक्ष्य देने को कहा गया.
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सुनवाई में मामला आया कि मसौढ़ी प्रखंड के बर्रा पंचायत के वार्ड नंबर छह में नल जल योजना में वार्ड सदस्य द्वारा 11 लाख रुपए की राशि की निकासी कर टंकी नहीं बैठायी गयी. साथ ही मुखिया द्वारा कार्य का समुचित अनुश्रवण भी नहीं किया गया. द्वितीय अपील के तहत प्राप्त परिवाद की सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी ने 15 दिन के अंदर टंकी बैठाने का सख्त निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने कहा कि अगर राशि खर्च कर दी गयी है, तो वार्ड सदस्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तथा नीलाम पत्र वाद दायर कर राशि की वसूली की जाये.
Posted By: Thakur Shaktilochan