पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार को लोक शिकायत संबंधित परिवाद की सुनवाई की. इस दौरान डीएम ने कई सख्त फैसले लिये जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत काम करने वाले एक ग्रामीण आवास सहायक की संविदा भी रद्द की गयी.
सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ग्रामीण के तहत धनरूआ निवासी /लाभुक विभा शर्मा द्वारा अवैध एवं गलत तरीके से लाभ लेने का मामला लोक शिकायत निवारण के द्वितीय अपील में प्रकाश में आया. जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त से जांच करायी.
जांच में पाया गया कि लाभुक का पुत्र सरकारी नौकरी में है, लाभुक को पक्का मकान है तथा पटना में भी मकान है. लाभुक ने अपने बदले दूसरे के मकान का जियो टैगिंग करा दिया और अवैध तरीके से योजना के दो किश्त की राशि 80,000 भी ले ली.
लोक शिकायत निवारण के द्वितीय अपील के तहत सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए लाभुक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने, नीलामपत्र वाद दायर करने, राशि की वसूली करने का सख्त निर्देश दिया. साथ ही ग्रामीण आवास सहायक की संविदा समाप्त करने का भी निर्देश दिया.
वहीं मामले की सुनवाई के क्रम में गड़बड़ी व काम में सुस्ती करने वाले दानापुर के सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर 5000 रुपये का जुर्माना भी पटना डीएम ने लगाया है. एक अन्य मामले में पाया कि मसौढ़ी प्रखंड के बर्रा पंचायत के वार्ड नंबर छह में नल जल योजना में वार्ड सदस्य द्वारा 11 लाख रुपए की राशि की निकासी कर टंकी नहीं बैठायी गयी. जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि 15 दिनों के अंदर अगर टंकी नहीं लगती है तो वार्ड सदस्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan