पटना हाइकोर्ट ने राज्य के लॉ कॉलेजों में नामांकन पर लगायी गयी रोक हटा ली है. कोर्ट ने प्रदेश के 17 काॅलेजों को सत्र 2021-22 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ ) की अनुमति और अनापत्ति प्रमाणपत्र के बाद निर्धारित सीटों पर नामांकन लेने को कहा है. बाकी 11 लॉ कॉलेजों को नामांकन की अनुमति नहीं दी गयी है, क्योंकि वे बीसीआइ द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं. उन्हें जब तक बीसीआइ की एनओसी या अनुमति नहीं मिल जाती, नामांकन पर रोक लगी रहेगी.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की पीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में बीसीआई के अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्र ने बार काउंसिल द्वारा इन सभी लॉ कॉलेजों के निरीक्षण की रिपोर्ट सौंपी. हाइकोर्ट ने 23 मार्च, 2021 मामले की सुनवाई करते हुए बिहार के सभी 28 सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगा दी थी.
कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए इन 17 कॉलेजों में सशर्त नामांकन की मंजूरी दी है. कोर्ट ने साफ किया कि नया नामांकन सिर्फ 2021-22 सत्र के लिए होगा. अगले सत्र के लिए बीसीआई से इन सभी कॉलेजों को फिर से मंजूरी लेनी होगी. पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट नेबीसीआइ को यह निर्देश दिया था कि वह इन कॉलेजों का निरीक्षण तीन सप्ताह में पूरा कर रिपोर्ट अगली सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत करे.
खंडपीठ ने बीसीआइ को भी निर्देश दिया है कि अगले सत्र में दाखिले की अनुमति देने से पहले यह अवश्य सुनिश्चित कर ले कि संबंधित लॉ कॉलेज बीसीआइ, बिहार सरकार, केंद्र और संबंधित यूनिवर्सिटी से जारी निर्धारित अहर्ताओं को भी पूरा करते हों .