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नित्यानंद राय को पटना हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, अदालती कार्रवाई पर लगाई रोक, जानें पूरी बात

अररिया जिले के नरपतगंज अंचलाधिकारी द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ नरपतगंज थाने में वर्ष 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि नौ मार्च, 2018 को इन्होंने एक सभा में भाषण देते समय सामुदायिक विद्वेष फैलाने का काम किया है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को पटना हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने नित्यानंद राय के खिलाफ अररिया की निचली अदालत में चल रहे एक आपराधिक मामले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने राय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

2018 में नित्यानंद राय के खिलाफ दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकी

मामले में कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अररिया जिले के नरपतगंज अंचलाधिकारी द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ नरपतगंज थाने में वर्ष 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि नौ मार्च, 2018 को इन्होंने एक सभा में भाषण देते समय सामुदायिक विद्वेष फैलाने का काम किया है. इससे वहां का माहौल खराब हुआ है .

2022 में निचली अदालत ने लिया संज्ञान

पुलिस द्वारा नित्यानंद राय के खिलाफ इस मामले में 31अक्तूबर, 2021 को कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया गया, जिसके बाद संबंधित कोर्ट ने 13 अप्रैल, 2022 को संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि वह नित्यानंद राय के विरुद्ध समन जारी करें. निचली अदालत के इसी आदेश के विरुद्ध केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक याचिका हाइकोर्ट में दायर की थी.

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क्या बोले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि जिन प्रावधानों के तहत उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है ,वह उन पर लागू ही नहीं होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि नित्यानंद राय ने किसी प्रकार से अपने भाषण में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का काम नहीं किया है. उन्होंने विदेश के एक आतंकवादी के संदर्भ में बात कही थी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह मामला वर्ष 2018 का है. निचली अदालत ने इस मामले में वर्ष 2022 में संज्ञान लिया है .

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