पटना हाइकोर्ट ने बिहार में स्थित एयरपोर्ट के विकास , विस्तार और सुरक्षा के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि राज्य में नए एयरपोर्ट बनाने के संबंध में क्या विचार है. कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस बात की भी जानकारी मांगी है कि इस संबंध में सरकार द्वारा अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गयी है. पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर की गई लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से यह जानकारी मांगी हैं.
पटना हाईकोर्ट ने पूछा एयरपोर्ट निर्माण के लिए क्या है योजना
पटना हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को यह बताने को कहा है कि इस मामले में उनके द्वारा क्या प्रस्ताव बनाया गया है. क्या उनके द्वारा नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जगह को चिह्नित करने की कार्रवाई की गई है. कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि इन नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए आगे उनकी क्या योजना है. कोर्ट ने जानना चाहा कि पटना, गया, बिहटा और दरभंगा के एयरपोर्ट के विकास, विस्तार और सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की क्या योजना है क्योंकि इन जगहों पर बहुत सारी सुविधाओं की कमी है.
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर दिया था महत्वपूर्ण निर्णय
वहीं इससे पहले पटना हाइकोर्ट ने राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को स्थापित करने को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए केंद्र और राज्य सरकार को पटना व बिहटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने को कहा था. उस सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य की जनता का यह मौलिक अधिकार है कि उन्हें सुरक्षित हवाई यात्रा व सुविधा मिले.
राजीव प्रताप रूडी ने भी रखा था अपना पक्ष
इस मामले में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा था कि बिहार जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में न तो एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है और ना ही ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है . उन्होंने बताया कि देश के कई बड़े शहरों के साथ साथ छोटे शहरों में भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है. रूडी ने कोर्ट से कहा था कि पटना का एयरपोर्ट सुरक्षा के लिहाज से बहुत सही नहीं है. राजगीर, बिहटा और पुनपुन में एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में विचार तो हुआ लेकिन कोई भी परिणाम नहीं सामने नहीं आया.