पटना. इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी ) के नये भवन में भर्ती मरीजों का हाल जानने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत बुधवार को अस्पताल पहुंचे. इसकी जानकारी मिलते ही डॉक्टरों से लेकर कर्मियों के बीच अफरा-तफरी मची रही. प्रत्यय अमृत ने नये भवन का औपचारिक उद्घाटन किया. वहीं मौके पर मौजूद संस्थान के डायरेक्टर डॉ सुनील कुमार व डॉ अमिताभ कुमार ने बताया कि यहां दिल्ली एम्स के तर्ज में इलाज किया जायगा.
संस्थान में बीपीएल, आयुष्मान कार्डधारियों का नि:शुल्क इलाज किया जायेगा, जबकि अन्य मरीजों का इलाज जैसे-एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, वाल्व रिप्लेसमेंट, दिल में सर्जरी, पेसमेकर आदि शुल्क दिल्ली एम्स के जैसे रहेंगे. अपर मुख्य सचिव ने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि किसी भी सूरत में मरीजों को बेड के लिए असुविधा नहीं होनी चाहिए. गंभीर मरीजों के लिए जल्द आइसीयू व कैथलैब शुरू करने व वेंटिलेटर पर रखने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. वह सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक आइजीआइसी में रहे और एक-एक कर सभी वार्डों का बारीकी से निरीक्षण किया.
अपर मुख्य सचिव ने नये भवन के परिसर सेलेकर पांचवें तल्लेतक का निरीक्षण किया. इस दौरान आधा दर्जन से अधिक मरीजों से बातचीत की. सर्जरी वार्ड और लिक्विड ऑक्सीजन का काम अभी शुरू नहीं होने का कारण पूछा और तीन सेचार दिनों में संबंधित विभाग को शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने अस्पताल के निदेशक डॉ सुनील कुमार, डॉ केके वरुण, डॉ अमिताभ, डॉ रोहित व अन्य सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक कर मरीजों सेमिली कुछ शिकायतों की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान बीएमआइसीएल के एमडी व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह, बीएमआइसीएल के जीएम सुधीर कुमार, संजीव रंजन, डॉ बीके सिंह, डॉ संदीप कुमार, डॉ सुषमा, डॉ रोहित, डॉ एके आशू, डॉ वीएन सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे.